अब मुख्यमंत्री लेंगें दोशियान की क्लास, जलावर्धन को लेकर बैठक की संभावना

शिवपुरी। लगता है अब शिवपुरी की पेयजल योजना को लेकर स्वयं प्रदेश के मु यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी गंभीर है यही कारण हैकि संपूर्ण मप्र में स्कूल चलें हम अभियान की शुरूआत करने निकले सीएम श्री चौहान शिवपुरी में इस अभियान की शुरूआत के साथ ही संभवत: मड़ीखेड़ा जलावर्धन योजना का भी शुभारंभ कर दें।
क्योंकि बीते लंबे समय से यह योजना अटकी है और अब चर्चा है कि प्रदेश के सीएम के शिवपुरी आने से वह जलावर्धन योजना को लेकर बैठक कर सकते है फिलवक्त इस खबर से जहां नागरिको में उत्साह है तो वहीं शासकीय मशीनरी व दोशियान कंपनी के माथे पर चिंता की लकीरें खिंचना तय है। 

मड़ीखेड़ा जलावर्धन योजना की क्रियान्वयन एजेंसी दोशियान कंपनी का असली चेहरा अब उजागर होने लगा है। माननीय उच्च न्यायालय को भ्रमित करने के लिए दोशियान कंपनी ने नेशनल पार्क क्षेत्र में नगरपालिका और वन अधिकारियों की उपस्थिति में लाइन डालने का कार्य एक दिन अवश्य किया जिससे हाईकोर्ट की अवमानना की गाज उस पर न गिरे। इसके बाद कंपनी का कोई अधिकारी, कर्मचारी और संसाधन शिवपुरी में नजर नहीं आये। प्रशासन और प्रदेश सरकार की उद्योग मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया को लगातार भ्रमित करने के अलावा कंपनी ने कुछ नहीं किया। 

आखिरी उपाय के रूप में मु यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 18 जून को अपने शिवपुरी दौरे में दोशियान कंपनी के प्रबंधन को बैठक के लिए बुलाया है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि कंपनी काम शुरू करने में बिल्कुल उत्सुक नहीं है और वह काम सिर्फ और सिर्फ अपनी शर्तों पर शुरू करना चाहती है। इससे जलावर्धन योजना के पूर्ण होने की संभावना लगातार धूमिल होती जा रही है। शिवपुरीवासियों को पेयजल संकट से मुक्ति दिलाने के लिए मड़ीखेड़ा से सिंध का जल लाने की 65 करोड़ की योजना बनाई गई थी। कायदे से योजना सित बर 2012 में पूर्ण होनी थी, लेकिन शुरू से ही यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। 

योजना के तहत गुणवत्ताविहीन कार्य हुआ और प्रशासन ने शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की। कंपनी को काम से अधिक का नगरपालिका ने भुगतान कर दिया। सूत्रों के अनुसार दोशियान कंपनी के पास काम की तुलना में 10 करोड़ से अधिक पैमेंट पहुंच गया। दोशियान कंपनी ने इसके बाद भी उन ठेकेदारों को भुगतान नहीं किया जिनसे उसने योजना के तहत कार्य कराया था। ऐसे ठेकेदारों का भी एक से दो करोड़ रूपया बकाया है जो अपने पैमेंट के लिए दोशियान कंपनी के हेड क्वार्टर अहमदाबाद के चक्कर लगा रहे हैं। कंपनी को काम पूरा करने के लिए सित बर 2012 तक का समय दिया गया था, लेकिन उसने काम समय पर पूर्ण नहीं किया और एक साल बाद जब नेशनल पार्क क्षेत्र में वहां के प्रबंधन ने सिंध परियोजना के काम पर प्रतिबंध लगा दिया तो कंपनी ने सारे काम को रोक दिया।

इसके बाद भी सूत्र बताते हैं कि कंपनी एक तो बढ़ी हुई दर पर भुगतान की मांग कर रही है और दूसरे योजना का एक्सटेंशन बिना पेनल्टी के चाह रही है। नेशनल पार्क क्षेत्र में काम पर लगे प्रतिबंध को हटाने के लिए अभिभाषक पीयूष शर्मा ने जनहित याचिका उच्च न्यायालय में दायर की और इस याचिका का निराकरण करते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने नेशनल पार्क क्षेत्र में काम पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया। लेकिन इसके बाद भी दोशियान कंपनी ने कार्य शुरू नहीं किया। 

यहां तक कि प्रशासन ने काम शुरू करने के लिए कंपनी के अधिकारियों को आहुत कर बैठक बुलाई, लेकिन दोशियान कंपनी का कोई प्रतिनिधि उपस्थित नहीं हुआ। तमाम दबाव के बाद दोशियान कंपनी के संचालक रक्षित दोशी शिवपुरी आए और कलेक्टर आरके जैन के साथ बैठक में उन्होंने आश्वस्त किया कि 8 जून से काम शुरू कर दिया जाएगा। इसके बाद कंपनी ने सिर्फ नेशनल पार्क क्षेत्र में एक दिन लाइन डालने का कार्य किया। सूत्र बताते हैं कि कंपनी हाथ खड़े करने की तैयारी में है और काम शुरू करने में उनकी दिलचस्पी नहीं है। ऐसे में मु यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कितना दोशियान कंपनी पर काम शुरू करने के लिए दबाव डाल पाते हैं यह देखना दिलचस्प होगा। 

काम नहीं किया तो अनुबंध के तहत होगी कार्रवाई: सीएमओ
प्रभारी सीएमओ अशोक शर्मा ने बताया कि यदि दोशियान कंपनी ने काम शुरू नहीं किया तो अनुबंध की शर्तों के उल्लंघन के आरोप में उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।