जनसुनवाई में मिली नौकरी

शिवपुरी। जनसुनवाई के दौरान कलेक्टर आरके जैन ने एक सहरिया आदिवासी युवक को भाषाई शिक्षक के पद पर नियुक्ति दी है। संतोष पुत्र श्रीलाल आदिवासी नाम का यह युवक कला स्नातक है और कोटा भगौरा का रहने वाला है। संतोष निहायत गरीब होने के साथ वृद्ध माता-पिता की संतान है।
वह दो भाई और दो बहनों में सबसे बड़ा है। स्वाभाविक है कि परिवार का दायित्व उसी के सिर है। पत्थर खादानें बंद होने के कारण पूरे कोटा-भगौरा क्षेत्र में रोजगार का अभाव पिछले एक दशक से बना हुआ है। बावजूद उसने मेहनत मजदूरी करके शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय शिवपुरी से बीए पास किया और अब उसे नौकरी भी मिल गई। इसके अलावा कलेक्टर श्री जैन ने कई अन्य लोगो की भी समस्याए सुनी और उनके समाधान के लिए संबंधित अधिकारियों के लिए निर्देशित किया।

संतोष की पदस्थापना शाप्रा विद्यालय हातौद विकासखण्ड शिवपुरी में की गई है। यह नियुक्ति आदिम जाति कल्याण विभाग के अंतर्गत है। संतोष को मानदेय के रूप में 6 हजार रूपये प्रतिमाह मिलेंगे। विद्यालय में उसका काम छात्रों को लोक भाषा मसलन सहरिया आदिवासियों में बोली जाने वाली भाषा का अध्ययन कराना होगा। हातौद और उसी से लगा हुआ हाथीगड़ा, सहरिया आदिवासी बहुल्य ग्राम हैं। इनके अपने बड़ी सं या में लोक गीत, लोकोत्तियां और मुहावरे है। जो आम बोलचाल की बोली में प्रयोग किये जाते है। भाषाई शिक्षा के अंतर्गत इन्हें छात्र-छात्राओं को पढ़ाया जावेगा। यह पढ़ाई खड़ी बोली हिंदी में होगी। इस पहल से इस पूरे क्षेत्र की लोक संस्कृति को संरक्षण प्राप्त होगा। भाषाई शिक्षक खासतौर से इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए रखे जाते हैं। कलेक्टर ने संतोष को सीधी नियुक्ति देकर इस अनूठी पहल के जरिये लोक भाषा के संरक्षण में अनूठी पहल की है।