आर्य समाज मंदिर में हुआ चतुर्थ तत्व वेद यज्ञ

शिवपुरी-आर्य समाज शिवपुरी द्वारा आर्य समाज मंदिर में आज यज्ञ ब्रह्मा लखवीर सिंह राणा के सानिध्य में चतुर्थ तत्व वेद(ऋग्वेद,सामवेद,अर्थववेद और यर्जुवेद) का आयोजन हुआ। इस यज्ञ में मु य यजमान श्रीमती नीता-संजीव ढींगरा परिवार रहा। जिनके द्वारा आयोजित इस यज्ञ में विशेष पूर्णाहुति दी गई।
इस मौके पर इस यज्ञ का महत्व बताते हुए यज्ञ ब्रह्मा लखवीर सिंह राणा ने बताया कि इस संसार की नींव है वेद, पूर्व समय में ऋषिमुनियों, ब्राह्मणों ने जब-जब यज्ञ किया था तब उसके सफल परिणाम आते थे स्वयं ब्रह्मा जी ही नहीं बल्कि ईश्वरीय अराधना और उनके दर्शनार्थ बड़े-बड़े यज्ञ किए जाते थे आज इन बिसरा दिए गए यज्ञों की पुर्नस्थापना का कार्य आर्य समाज कर रहा है निश्चित रूप से इस संसार में सुख-समृद्धि, यश और वैभव प्राप्त करने के लिए भी यज्ञ आवश्यक है हर घर में यज्ञ हो, वेदों की पूजा हो और वेदों के अनुसार यह संसार चलायमान हो इसके लिए आर्य समाज प्रतिबद्ध है।

 श्री राणा ने आज चतुर्थ तत्व वेद यज्ञ पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इस यज्ञ में चार तत्वों का समावेश होता है यहां ऋग्वेद यानि जीवन में मिलने वाला ज्ञन ऋग्वेद होता है इसलिए ज्ञानोपार्जन के लिए ऋग्वेद यज्ञ किया जाता है, सामवेद का अर्थ है उपासना अर्थात् ईश्वरीय आराधना करने के लिए की जाने वाली पूजा ही उपासना होती है जिसमें सबकुछ भूलकर केवल ईश्वरीय अराधना की जाती है, अर्थववेद अर्थात् विज्ञान, हमें जीवन की वस्तुस्थिति से अवगत कराने के लिए यह यज्ञ होता है यहां अपने ज्ञान और विज्ञान का फल प्रदान करने के लिए अर्थववेद यज्ञ किया जाता है अंत में यजुर्वेद यानि कर्म, जो कर्म हम करते है उसे यजुर्वेद के नाम से कहा जाता है इस संसार के हरेक प्राणी को यजुर्वेद यज्ञ की भांति कार्य करना चाहिए क्योंकि कर्माे के द्वारा किए जाने वाले कार्य से ही मनुष्य को अपना जीवन आधार मिलता है।  इस प्रकार से यज्ञ में चतुर्थ तत्व वेदों की पूर्णाहुति में समस्त आर्य समाज ने विशेष आहुतियां दी। यहां संस्कृत श्लोकों व वेदों की पद्धति से यह यज्ञ संपन्न कराया गया। अंत में प्रसाद वितरित हुआ।