विवाह की खुशियां मातम में बदलीं, माता-पिता सहित 6 की दुर्घटना में मौत

शिवपुरी। अभी-अभी खबर आ रही है कि गुना का सुरैया परिवार नरवर पर लोढी माता के दर्शन करने जा रहे थे उनकी गामा गाड़ी सामने से आ ट्रक जा टकरा गई है। इस एक्सीडेंट में 6 लोगो के मौके पर मौत होने की और 7 लोग घायल हो गए है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार गुना में भुल्लनपुरा बाईपास रोड पर ओझा बैल्डिंग के पास रहने वाले रमेश जाटव के दोनों पुत्रों रिंकू और बंटी के विवाह 2 और 8 जून को संपन्न हुए थे। अपने दोनों पुत्रों की शादी के बाद उन्हें लोढी माता के दर्शन कराने के लिए सरैया परिवार आज सुबह नरवर के लिए गामा वाहन क्रमांक एमपी 08 बीए 1387 में सवार होकर निकला।

रमेश जाटव के दामाद राजेश ने बताया कि उनकी ससुराल पक्ष में नवविवाहित जोड़ों को लोढ़ी माता के मंदिर में दर्शन के लिए ले जाने की परंपरा है उसी के तहत आज सभी लोग नरवर के लिए गए थे। जहां बकरे की बलि दी जानी थी। राजेश ने बताया कि उनके साले रिंकू और बंटी का विवाह क्रमश: बैजंती और रीना के साथ हुआ था।

उनका वाहन बड़ौदी पर स्थित सांखला पैट्रोल पंप के पास पहुंचा तभी ग्वालियर की ओर से आ रहे ट्रक क्रमांक आरजे 11 जीए 5473 के चालक ने ट्रक को तेजी व लापरवाही से चलाते हुए गामा में टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि गामा वाहन के परखच्चे उड़ गए और सभी 6 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि दुल्हन बैजंती और रीना सहित बैजंती का पति रिंकू रीना का पति बंटी, कन्हैयालाल, दीपक और रिंकू गंभीर रूप से घायल हैं। जिन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया।

पत्नी की डिलेवरी के कारण मैं नहीं जा पाया
मृतक रमेश के दामाद राजेश ने बताया कि उसे भी अपने सास-ससुर के साथ लोढ़ी माता के मंदिर के दर्शन के लिए जाना था, लेकिन उसकी पत्नी सोनू की डिलेवरी की संभावना के कारण वह नहीं जा पाया। राजेश ने बताया कि उसे सुबह दुर्घटना की सूचना उसके साले रिंकू ने मोबाइल पर दी।

झपकी आने से घटित हुई दुर्घटना
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार गामा वाहन चालक के संतुलन खोने के कारण दुर्घटना घटित हुई। ऐसा प्रतीत होता है कि मानो वाहन चालक को नींद की झपकी आ गई थी और जिससे पलभर में ही दुर्घटना घटित हो गई।

दुर्घटना मेंं बकरे की भी हुई मौत
बलि के लिए जिस बकरे को सरैया परिवार लोढ़ी माता दरबार में ले जा रहा था, लेकिन उसकी मौत तो एबी रोड शिवपुरी पर लिखी थी। दुर्घटना में बकरे ने भी घटनास्थल पर दम तोड़ दिया। बकरे की बलि तो चढ़ गई, लेकिन वह बलि मंजूर नहीं हुई। जिस कारण 6 लोग भी असमय कालकबलित हो गए।