शिवपुरी। एक विधवा आदिवासी महिला से उसकी जमीन हथियाने के लिए आरोपी अपने कपड़े उतारकर उसके सामने नाचता है और उसके साथ अश्लील भाषा में बातचीत करता है, ताकि परेशान होकर महिला जमीन पर से अपना कब्जा छोड़ दे। यह मामला आज एसपी शिवपुरी के सामने पेश हुआ।
आदिवासी परिवार से संबंद्ध रखने वाली ग्राम नौहरीकलां निवासी बती आदिवासी पत्नि स्व.गप्पू आदिवासी ने पुलिस अधीक्षक को शिकायती आवेदन सौंपकर उसकी भूमि पर जबरन कब्जा किए जाने का आरोप लगाय है।
बती आदिवासी का आरोप है कि ग्राम नौहरीकलां में भूमि सर्वे नं.1136,1137 पर ग्राम नौहरीकलां के ही कल्याण पुत्र रामस्वरूप शर्मा, टुल्ला पुत्र उ मेद शर्मा जबरन कब्जा करने के प्रयास में है और वह आए दिन ना-ना प्रकार से परेशान करते है चूंकि बती आदिवासी के पति का स्वर्गवास हो चुका है इसलिए आरोपियों का कहना है कि यह भूमि हमारी है और इसकी रजिस्ट्री भी हो चुकी है जबकि ऐसा कुछ नहीं हुआ है और मेर गांव के आदिवासी नरेश पुत्र नत्थूराम आदिवासी भी इनसे मिला हुआ है जो प्रार्थी को पुलिस में ना जाने के लिए दबाब बनाते है। बती आदिवासी ने तीनों के विरूद्ध पुलिस अधीक्षक से उचित कार्यवाही की मांग की है।
अपने शिकायती आवेदन में बती आदिवासी का कहना है कि उसकी भूमि सर्वे क्रमांक 1136,1137 पर वह वर्षों से खेती करती चली आ रही है लेकिन उसके पति के स्वर्गवास होने के बाद उसे उसके ही खेत पर खेती नहीं करने दी जा रही है जिस पर कल्याण व टुल्ला दोनों मिलकर उसके स्वामित्व की भूमि को खरीदना बता रहे है लेकिन बती बाई इन सभी बातों को नकारती है। इसके बाद भी आरोपीगणों के हौंसले बुलंद है जिस पर रात्रि 2 बजे घर के दरवाजे पर धक्का मारते है टुल्ला तलवार लेकर घूमता है और घर पहुंचकर जातिसूचक गालियां देता है। इनके साथ ग्राम का ही नरेश आदिवासी भी मिला हुआ है जो आए दिन प्रार्थीया व उसके परिवार को जान से मारने की धमकीयां देकर अश्लीलता कर भद्दी-भद्दी गालियां देता है। इस अश्लीलता में आरोपी पंडित द्वारा सारे कपड़े उतारकर महिला के सामने निर्वस्त्र होकर नंगा नाच करता है हाथ पकड़कर बुरा व्यवहार करना चाहता है। इस संबंध में पुलिस थने में शिकायत की लेकिन सुनवाई नहीं और इसके बाद भी आरोपीगण की पत्नि भी प्रार्थी के खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज कराती है। इन सब से आहत प्रार्थी ने पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाकर आरोपियों के विरूद्ध कार्यवाही की मांग की है।
प्रकरण में जांच प्रक्रिया अभी शेष है, जांच के बाद ही प्रमाणित हो सकेगा कि उपरोक्त आरोप सही हैं या किसी दुर्भावना से प्रेषित होकर लगाए गए हैं।
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