सेल्फ अटेस्टेड डाक्यूमेंटेशन शुरू, नहीं लगाने पड़ेंगे राजपत्रित अधिकारियों के चक्कर

शिवपुरी। शासकीय अभिलेखों के प्रमाणीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए राज्य शासन द्वारा स्व-प्रमाणीकरण की व्यवस्था लागू की गई है। इस व्यवस्था के लागू होने के बाद शासन के सभी विभागों, स्थानीय निकायों, स्वायत्तशायी संस्थाओं एवं शैक्षणिक संस्थाओं में प्रस्तुत आवेदनों के दस्तावेजों के सत्यापन के लिए अब राजपत्रित अधिकारियों के पास लोगों को चक्कर लगाने नहीं पड़ेगे।

कलेक्टर आर.के.जैन ने बताया कि जनसुविधा की दृष्टि से राज्य शासन ने आवेदन पत्रों और हलफनामा बनवाने पर होने वाले धन के अपव्यय को रोकने हेतु विभिन्न दस्तावेजों के सत्यापन के स्व-प्रमाणन एवं स्व-घोषणा की व्यवस्था लागू की गई है। इस व्यवस्था के तहत आवेदन पत्र के साथ प्रस्तुत किए जाने वाले दस्तावेज जैसे अंकसूची, जन्मप्रमाण पत्र, मूल निवासी प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र आदि आवेदक द्वारा स्व-प्रमाणित कर संलग्न किये जा सकेगें। लेकिन अंतिम स्तर पर अर्थात साक्षात्कार, प्रवेश आदि के समय मांगे जाने पर मूल दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा। जो मिलान/पुष्टि कर उसी समय आवेदक को वापिस कर दिये जावेगें।

उन्होंने आगे बताया कि स्व-प्रमाणन के उत्तरदायित्व के लिए आवेदक को आवेदन पत्र के अंत में परिशिष्ट-एक में दिए गए प्रारूप के अनुसार स्व-घोषणा पत्र प्रस्तुत करना होगा। यह व्यवस्था ऐसे मामलों पर लागू नहीं होगी, जहां कानूनन हलफनामा प्रस्तुत करने की बाध्यता होगी। यदि आवेदक द्वारा गलत दस्तावेजों का स्व-प्रमाणीकरण किया जाता है और गलत घोषणा की जाती है तो उसके द्वारा प्राप्त की गई सभी प्रकार की सुविधाऐं वापस ली जावेगी। साथ ही आवेदक के विरूद्ध भारतीय दण्ड विधान के अनुसार कड़ी कानूनी कार्यवाही की जावेगीं।