जलसंकट: शहर में हाहाकार, कागजों में भरपूर जल सप्लाई

शिवपुरी। शिवपुरी नगर में बढ़ती गर्मी और ट्यूबबैलों में जल स्तर नीचे जाने के कारण पानी के लिए हाहाकार मचना शुरू हो गया है। नगरपालिका ने इससे निजात पाने के लिए कागजों में शहर में जल सप्लाई के लिए टेंकरों की व्यवस्था टेण्डर द्वारा की है, परन्तु नगर पलिका शिवपुरी के अधिकारीयो के मिलीभगत के कारण कागजो में टेंकर आठचक्कर लगा रहा है और हकीकत में एक या दो।

जहां नगरपालिका का एकाध ही टेंकर कॉलोनी में पहुंचता है तो लोग उस टेंकर पर झपट पड़ते हैं और लड़ाई झगड़े भी शुरू हो जाते हैं। इतना कुछ होने के बावजूद भी नपा प्रशासन आंख मूंदे है। यह पूरी व्यवस्था भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है।

विदित हो कि वर्षों से पेयजल समस्या से जूझ रहे शिवपुरी शहर में इस वर्ष भी पानी की किल्लत व्याप्त है। जबकि नगरपालिका द्वारा इस वर्ष भी हर वर्ष   की भांति पेयजल समस्या से निपटने के लिए भारीभरकम बजट प्रस्तावित है, लेकिन इतना होने के बाद भी पानी लोगों को नहीं मिल पा रहा है। स्थिति यह है कि लोग दूर-दूर से पानी भरकर अपनी जरूरतें पूरी कर रहे हैं। नपा प्रशासन लोगों को पानी उपलब्ध कराने में असमर्थ है।

सुबह से शाम तक एक वार्ड में एक टेंकर के 8 फेरे लगाए जाना टेण्डर में शर्त रखी गई थी और इसी आधार पर टेण्डर स्वीकृत कर ठेकेदार को भुगतान भी किया जाएगा। लेकिन धरातल की सच्चाई यह है कि टेंकर के 8 फेरे कॉलोनियों में तो नहीं लग रहे हैं, लेकिन कागजों में पूरे फेरों की एंट्री की जा रही है और इस पूरे मामले में नपा प्रशासन की संलिप्तता नजर आ रही है।

धीरे-धीरे बोरों का पानी भी होने लगा है कम

इन दिनों गर्मी इतनी पड़ रही है कि शहर के लगभग आधे से ज्यादा बोर सूख चुके हैं और बहुत कम बोरो में ही अब पानी बचा है जो आने वाले कुछ समय भी सूख जाने की कगार पर है। ऐसी स्थिति में भी शहरवासियों को जल समस्या से जूझना पड़ रहा है।

नपा के हाईडेंटों पर प्राइवेट टेंकर संचालकों का कब्जा

शहर की पेयजल समस्या को समाप्त करने के लिए नपा द्वारा जिन हाईडेंटों को स्थापित किया गया है। वहां इन दिनों हाईडेंटों पर पदस्थ कर्मचारियों की मिलीभगत से  प्रायवेट संचालकों ने कब्जा कर लिया है और वहां से पानी भरकर बाजार में 250 से लेकर 350 रूपये में टेंकर बेच रहे हैं। बताया जाता है कि प्राइवेट टेंकर संचालकों द्वारा हाईडेंटों पर बैठे कर्मचारियों को टेंकर विक्रय से हुई आय का कुछ हिस्सा उपलब्ध कराते हैं।