गुस्साए किसानों ने लगाया जाम, कहा: अत्याचार अब बर्दाश्त नहीं

शिवपुरी-कृषि उपज मण्डी शिवपुरी में किसानों का शोषण हो रहा है यदि समय रहते व्यापारियों ने अपनी मनमानी पर अंकुश नहीं लगाया और मण्डी प्रबंधन ने अपनी खामियों को दूर कर किसानों की समस्याओं का निराकरण नहीं किया तो एक बड़ा आन्दोलन करने को किसानों को बाध्य होना पड़ेगा।
यह बात कही कृषि उपज मण्डी के डायरेक्टर सिरनाम सिंह रावत ने जिन्होंने आज किसानों की पीड़ा को समझते हुए जिला प्रशासन को स त चेतावनी भरे लहजे में किसानो की पीड़ा से अवगत कराया। इस मौके पर सैकड़ों किसान भी मौजूद थे जो व्यापारियों की मनमानी का दंश भुगत रहे थे। किसानों का आरोप था कि मण्डी प्रबंधन और व्यापारियों की मिलीभगत से उनकी फसल का वाजिब दाम उन्हें नहीं मिल रहा और व्यापारी मण्डी प्रांगण में आकर मनमर्जी से फसल की बोली लगाता है ऐेसे में किसानों के माल का भाव व्यापारियों द्वारा सुनियोजित तरीके से कम किया जा रहा है जो बर्दाश्त योग्य नहीं है। 

मंडी डायरेक्टर सिरनाम सिंह रावत के साथ-साथ अन्य कृषकों सरदार सिंह, गिर्राज, रवि, कन्हैया, उत्तम सिंह, रोरी लाल, गिर्राज, महेन्द्र, उ मेद, कुबेर आदि किसानों का एक स्वर में कहना था कि जिला प्रशासन मण्डी प्रबंधन के कुप्रबंधन को अपने हाथों में ले और यहां मण्डी में होने वाली तौल का अवलोकन करें, इन किसानों ने आरोप लगाया कि मण्डी प्रबंधन की मिलीभगत के कारण ही व्यापारी किसानों का शोषण कर रहे है। बीते दो दिनों से मण्डी में रात-को आने वाले कृषकों की तौल की जब बारी आती है ता उन्हें उनकी फसल का सही दाम नहीं मिलता जिसमें प्याज की तौल जब की जाती है तो व्यापारियों द्वारा 45 किलो के हिसाब से प्याज ली जा रही है जबकि किसानों को 40 के हिसाब से भुगतान किया जाता है इस प्रकार से लगभग 5 किलो प्रति तौल पर किसानों को नुकसान हो रहा है यह शोषण किसान का नहीं पूरे किसान परिवार का हो रहा है जिसे रोकने के लिए प्रशासन को स त कदम उठाने होगें। किसानों ने अपना विरोध दर्ज कराते हुए कलेक्ट्रेट प्रांगण से लेकर मण्डी प्रांगण तक अपनी फसल से भरी हुई ट्रॉलियों से जाम लगा दिया और अपनी समस्याओं से संबंधिम एक ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा। किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि आए दिन व्यापारियों द्वारा उनकी फसल के औने-पौने दाम लगाने के बाद भी वह गाली-गलौज और अभद्रता करते है साथ ही झूठे केसों में फंसाने की धमकी भी देते है ऐसे में जिला प्रशासन से इस मामले में शीघ्र कार्यवाही की गुहार किसानों ने लगाई है।