भ्रष्टाचार की ब्रांड एम्बेसडर बनीं नपाध्यक्ष रिशिका, लोकायुक्त जांच में दोषी, मिला नोटिस

शिवपुरी। शिवपुरी नगर पालिका अध्यक्ष पर समय-समय पर भ्रष्ट्राचार के गंभीर आरोप लगे और सामाचार पत्रो में प्रकाशित भी होते रहे है। बताया जाता है इन्होने अपनी किचिन कैबिनेट में अपने पद की पवार का जमकर दुरूपयोग किया है। इनकी कई शिकायतें लोकायुक्त में कि गई है। अभी हाल में लोकायुक्त ने एक शिकायत पर जांच कर भ्रष्टाचार का उत्तरदायी माना है एवं कार्रवाई के लिए नगरीय प्रशासन को लिखा है।

जानकारी के अनुसार नगर पालिका अध्यक्ष को लोकायुक्त की एक जांच में भ्रष्टाचार का उत्तरदायी पाये जाने के चलते मप्र शासन नगरीय प्रशासन एंव विकास विभाग मंत्रालय भोपाल ने पत्र क्रमांक 4-44,2013-18 -3 दिंनाक 9 मई 2014 को एक कारण बताओ नोटिस नपाध्यक्ष शिवपुरी को जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि आपके नगर पालिका अध्यक्ष पद के कार्यकाल में प्राप्त शिकायत की जॉंच की गई। जांच में बिन्दु क्रमांक 1,2,11,एंव 19 में आपको उत्तरदायी पाया गया है अत: कारण बतायें कि क्यों न आपके विरूद्व मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 41-क-के तहत् कार्यवाही की जाये।

अपर सचिव डीडी पण्डित के नाम से हस्ताक्षरित इस एससीएन में 15 दिवस की समयवधि मे नपाध्यक्ष से उनका पक्ष प्रस्तुत करने को कहा है निर्धारित समय अवधि में उत्तर प्रात्त न होने की दशा में एकपक्षीय कार्यवाही कि जाने की बात भी कही गई है। यह पत्र नगर पालिका में आवक क्रंमाक 637 दिनांक 20 मई 2014 को आवक किया गया है।

बताया जाता है कि मप्र नगरपालिका विधि संहिता के अनुसार धारा 41-क- अध्यक्ष या उपाध्यक्ष अथवा किसी समिति के अध्यक्ष को हटाए जाने के संबध में है जिसमें प्रावधान है कि राज्य सरकार अध्यक्ष सहित उक्त पदाधिकारियो को किसी भी समय हटा सकेगी यदि राज्य सरकार की राय में उसका इस पद पर बना रहना लोकहित में बांछनीय नही है और साथ ही यदि यह पाया जाए कि वह अपने कर्तव्य के पालन में अक्षम है। हालाकि यह आदेश तब तक पारित नही किया जायेगा जब तक कि सुनवाई का युक्तियुक्त अवसर न दे दिया गया हो। इसी के चलते नपाध्यक्ष रिशिका को 15 दिवस का समय दिया गया है।