कट चुकी है वोटो की फसल, कब मिलेगा मुआवजा

शिवपुरी। मतदान खत्म हार जीत के गणित के साथ जिले के अन्नदाता को अब अपने फसलो के मुआवजे की चिंता होने लगी है। क्यो कि जैसे ही मुआवजे की घोषणा की गई वैसे ही आचार संहिता लागू की गई है। चुनाव प्रचार के दौरान अन्नदाता पर प्रतिदिन मुआवजे की बारिश होती रही है। नेताओ की वोटो की फसल कट चुकी है। अब देखे कब मिलता है अन्नदाताओ को मुआवजा।

लोकसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच प्रदेश के मु यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शिवपुरी जिले की आमसभाओं में ओलापीडि़त किसानों को सांत्वना दी कि उन्हें ओलावृष्टि से हुए नुकसान का शत.प्रतिशत मुआवजा मिलेगा। सीएम ने ओला पीडि़तों के लिए दो हजार करोड़ का बजट अतिरिक्त रखे होने और शनिवार से मुआवजा बांटने की बात भी कही थी। लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद किसान असमंजस में हैं कि उन्हें मुआवजा मिलेगा या नही।

ं शिवपुरी जिले के 511 गांवों में ओलावृष्टि से नुकसान का आकलन प्रशासन ने किया है। इनमें से 464 गांव में 50 प्रतिशत से अधिक फसल बर्बाद हुई है। जिले के 1 लाख 5 हजार 221 किसानों की 94910 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है। ओलावृष्टि के बाद हुए सर्वे में प्रशासन ने जिले में किसानों को वितरित करने के लिए 96 करोड़ रुपए की राशि मांगी थी। जिसमें से केवल 5 करोड़ रुपए बीते 28 मार्च को आए थेए जो दो दिन के अंदर कुछ किसानों को बांट दिए गए थे। अब दूसरी बड़ी राशि की किश्त का इंतजार किसान कर रहे हैं।

दूसरी किस्त नहीं आई
पहले जो पांच करोड़ रुपए आए थे,वो तो हमने दो दिन में ही बांट दिए। घोषणा तो हमने भी सुनी है लेकिन अभी तक कोई राशि मुआवजा वितरण के लिए नहीं आई। हो सकता है कि अवकाश होने की वजह से देर हो गई हो। जब राशि आएगी तभी किसानों को मुआवजा दे पाएंगे।
नीतू माथुर
संयुक्त कलेक्टर एवं राहत शाखा प्रभारी

मतदान पुर्ण विपक्ष भी कही सो ना जाये
लोकसभा चुनाव में ओला प्रभावित किसानों को मिलने वाले मुआवजे को लेकर भी राजनीति गर्माई रही। कांग्रेस प्रत्याशी केंद्र से राहत राशि आने के प्रमाण देते रहेए वहीं प्रदेश के मु यमंत्री फूटी कौड़ी न मिलने की बात कहकर उस दावे को नकारते रहे। पिछोर में हुई चुनावी सभा में सीएम ने कहा था कि केंद्र ने तो कुछ नहीं भेजाए लेकिन प्रदेश सरकार ने 2 हजार करोड़ अलग से बजट में रखे हैं। चुनाव बाद 19 अप्रैल से मुआवजा बंटने लगेगा। अब तो मतदान भी हो गया तो विपक्षी दल से तो कोई उ मीद है नहीं सत्ता वाले कब देंगे इसका इंतजार किसान कर रहे हैं।