क्या राजे, क्या ज्योतिरादित्य नही बरसे वादों के बादल, रीते घड़े, सूखे कंठ

शिवपुरी। शिवपुरी के प्यासे कंठो की प्यास बुझाने वाली महत्वपूर्ण योजना पर जमकर राजनीति हो रही है। विधान सभा चुनावो के बाद इस योजना को लेकर भोपाल में छह से ज्यादा बैठके होने की खबर है, परन्तु माधव राष्ट्रीय उद्यान में खुदाई की परमिशन अभी तक नही मिल पाई है। मिला है बस नेताओ के वादो के अश्वासन। बताया जा रहा है कि क पनी के मैनेजर पर दर्ज हुआ केस भी खत्म हो गया है। और खतरे में आ गई है, शिवपुरी की जलावर्धन।

शहरवासियों के लिए पीने के पानी की सबसे बड़ी आस मड़ीखेड़ा जलावर्धन योजना को दोशियान कंपनी अधर में छोड़ सकती है। कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर का कहना है कि विधानसभा चुनाव के बाद छह बैठकें हो चुकी हैंए लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो सका है। ऐसे में काम छोडऩे के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है। 

उधर निर्माण एजेंसी नगर पालिका के अधिकारी कह रहे हैं कि सीएमओ एवं दोशियान के प्रोजेक्ट मैनेजर पर दर्ज हुआ केस जुर्माना भरने के बाद खत्म हो गया और निर्णय की प्रति 9 अप्रैल को भोपाल भेज दी। अब तो बस परमिशन का इंतजार है, क्योंकि जब तक खुदाई की स्वीकृति नहीं मिलेगी, तब तक हम कंपनी पर काम के लिए दबाव नहीं बना पाएंगे।

जानकारी के अनुसार परमिशन के फेर में 11 महीने से खुदाई बंद है।  विधानसभा चुनाव के बाद नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, प्रभारी मंत्री कुसुम मेहदेले तथा शिवपुरी विधायक एवं उद्योग मंत्री यशोधरा राजे की मौजूदगी में कंपनी के अधिकारियों की भोपाल में बैठक हुई थी। जिसमें खुदाई को छोड़कर शेष काम जल्दी पूरा करने के निर्देश दिए थे। शिवपुरी में जिला योजना समिति की बैठक में प्रभारी मंत्री कुसुम मेहदेले ने चेतावनी दी थी कि यदि कंपनी ने काम नहीं किया तो उसे ब्लैक लिस्टेड कर दिया जाएगा।  

परन्तु क पनी पर इन मंत्रीयो की धमकी का भी असर नही है। क पनी का कहना है कि परमिशन ना होने के कारण योजना की लागत लगातार बढ रही है। इस योजना में अभी तक 21 करोड की लगात बढ चुकी है इस पैसे की बात कोई नेता नही कर रहा है। कुला मिलाकर श्रेय की राजनीति के बंबडर मे फसी योजना का काम क पनी छोड कर भाग सकती है