बाल विवाह सामाजिक अपराध-कलेक्टर श्री जैन

शिवपुरी। बाल विवाह सामाजिक बुराई नहीं बल्कि एक अपराध भी है। इसलिए बाल विवाह रोकने में जिले के नागरिक सहयोग कर अपनी जागरूकता का परिचय दें। यह अपील कलेक्टर आर.के.जैन ने दो मई 2014 अक्षय तृतीय पर जिले भर में विभिन्न समाजों के बड़ी तादाद में होने वाले सामूहिक विवाह स मेलनों के मद्देनजर की है।
अपील में कहा गया है कि किसी भी समाज मे नाबालिग बालक-बालिकाओं के विवाह न होने दें। यदि ऐसा पाया जाता है तो कोई भी इसकी सूचना नजदीकी महिला बाल विकास अधिकारी, एसडीएम, पुलिस थाना में और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को देकर बाल विवाह रूकवानें में सहयोग करें।

कलेक्टर की अपील नाबालिगों का विवाह ना कराऐं

कलेक्टर श्री जैन ने नागरिकों से अपील की है कि वर की विवाह के लिए निर्धारित आयु न्यूनतम 21 वर्ष तथा वधु की 18 वर्ष होने पर ही विवाह करें। अक्षय तृतीय पर होने वाले सामूहिक विवाह स मेलनों के माध्यम से वैवाहिक बंधनों में बंधने वाले युवक-युवतियों की आयु सीमा के लिए चिकित्सीय परीक्षण की व्यवस्था भी की गई है। इसके तहत जिले भर में सामूहिक विवाह आयोजित करने वाले आयोजकों को भी निर्देशित किया है कि वे ऐसे वर-वधु के ही विवाह संपन्न करायें। जिनकी बालिग उम्र का शासकीय चिकित्सीय प्रमाण पत्र उपलब्ध है। यदि किसी वैवाहिक आयोजन में वर-वधू उम्र के बिना चिकित्सीय परीक्षण के शादी के बंधन में बंधते पाये जाते है तो आयोजकों के खिलाफ कड़ी बैधानिक कार्यवाही की जावेगी।

बाल-विवाह पर नजर रखेगा प्रशासन

कलेक्टर श्री जैन ने आगे कहा कि जिला प्रशासन बाल विवाह रोकने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। बावजूद इसके अक्षय तृतीय पर शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में बड़ी सं या में विभिन्न समाज के होने वाले सामूहिक विवाह स मेलन के माध्यम से होने वाले विवाहों में नाबालिग वर-वधूओं के विवाह होने की आशंका बनी रहती है इसलिए जिले के नागरिकों से अपील है कि वे प्रशासन के इस अभियान में सहयोग कर अपनी जागरूकता और जि मेदारी का परिचय दें। उन्होनें अक्षय तृतीय के दौरान अपने अधीनस्थ अमले को भी विशेष रूप से सर्तक रहने को कहा है। साथ ही महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभाग के विभाग प्रमुखों को निर्देशित किया है कि वे अपने अमले आंगनवाड़ी और ए.एन.एम. कार्यकर्ताओं के माध्यम से खासकर ग्रामीण क्षेत्र में होने वाले सामूहिक विवाह स मेलन के आयोजन पर कड़ी निगरानी रखें ताकि जिले में बाल विवाह होने से रोका जा सकें।

फिर होगी एक लाख का जुर्माना और दो साल तक की सजा

पर परा के अनुसार अक्षय तृतीय पर दो मई को जिले भर में बड़ी सं या में होने वाले सामूहिक विवाह स मेलनों को दृष्टिगत जारी की गई अपील में कलेक्टर आर.के.जैन ने कहा कि बाल विवाह कानून अपराध भी है। बाल विवाह पाये जाने वाले अभिभावकों, रिस्तेदारों और उसमें सहयोग करने वाले सहयोगियों को दो साल की सजा तथा एक लाख रूपयें तक के जुर्माने का प्रावधान है। उन्होंने अधीनस्थ अमले को निर्देशित किया है कि वे बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 का विशेष रूप से पालन करावें। बाल विवाह की सूचना मिलने पर तुरंत कार्यवाही की जावे। यदि सूचना मिलने के बाद बाल विवाह रोका नहीं जाता तो संबंधित के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जायें।