शिवपुरी-ईश्वर के प्रति श्रद्धा रखने वाले भक्तों की भक्ति को भगवान स्वयं भांप लेते है अक्सर देखने में आया है कि संसारी प्राण अपने कर्मों के विभिन्न माध्यमों द्वारा ईश्वर को रिझाने को लालयित होते है लेकिन यह सब उस भक्ति के सामने व्यर्थ हो जाता है जब सच्चे हृदय से ईश्वर की आराधना की जाती है
इसलिए किसी भी प्रकार के झूठे प्रपंच ना रचें और यदि ईश्वरीय भक्ति करना ही है तो केवल हृदय से उन्हें स्मरण करें आपकी हर मुराद पूरी होगी और ईश्वरीय दरबार में भी आपकी हाजिरी लग जाएगी जिस प्रकार से भक्त प्रहलाद ने अल्पायु में अपनी भक्ति से ईश्वर को प्रसन्न किया ठीक उसी प्रकार से हमें भक्ति करना चाहिए तभी ईश्वर मिलेंगें। भक्त की भक्ति को प्रदर्शित कर रहे थे बाल व्यास पं.नीलेशकृष्ण शास्त्री जो स्थानीय श्री खेड़ापति हनुमान मंदिर पर आयोजित संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा में श्रद्धालुओं को भक्ति कर प्रभु मार्ग बता रहे थे।
इस अवसर पर मंदिर महंत श्री लक्ष्मणदास त्यागी जी महाराज व मु य यजमान अजयराज-आशा शर्मा सहित अन्य सैकड़ों श्रद्धालुजन भी मौजूद रहे जिन्होंने ईश्वरीय भक्ति मार्ग कथा का वृतान्त सुना इसके साथ ही श्रीमद् भागवत कथा के माध्यम से प्रभु की अन्य लीलाओं का वर्णन भी बाल व्यास नीलेश शास्त्री द्वारा कराया गया। इस अवसर पर जहां दिन में श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं को आत्मसात किया तो वहीं देर शाम आयोजित संगीतमय श्रीरामकथा में भी भक्तजनों का सैलाब उमड़ा।
यहां भक्त की भक्ति को प्रभु श्रीराम के आदर्शों के अनुरूप कथा व्यास से पं.रामांशी महाराज ने बताया। इस अवसर पर रामांसी महाराज भगवान श्रीराम के उन अवतारों का भी उल्लेख किया जिसमें भगवान और भक्त के बीच होने वाले संवाद को परिभाषित किया जाए। स्थानीय श्री खेड़ापति हनुमान मंदिर पर आयोजित कथा में समस्त अंचलवासी सपरिवार आमंत्रित है प्रतिदिन कथा का वृतान्त श्रीमद् भागवत कथा दोप.1 बजे से सायं 5 बजे तक व श्रीरामकथा वाचन रात्रि 7 बजे से 10 बजे अनवरत रूप से जारी है।
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