आध्यात्मिक गुरू डॉ.रघुवीर सिंह गौर ने कैदियों को दिए शांति के टिप्स

शिवपुरी। घर-परिवार द्वार छोड़कर यदि आज जेल में हो तो कोई डरने घबराने की बात नहीं बस आवश्यकता है चिंतन की, इसलिए आध्यात्म के द्वारा जेल में रहकर चिंतन किए जाए और अपने किए पर पछतावा हो तो हर मुसीबत से छुटकारा पाया जा सकता है अपनी सोच और दृष्टि ऐसी रखों कि अन्य लोग भी तुमसे प्रेरणा लें इसलिए इस जेल को जेल ना समझकर आध्यात्म का स्थान समझें

निश्चित रूप से जीवन में बदलाव आएगा और जेल से निकलने के बाद तुम भी घर-परिवार, देश और राष्ट्र की उन्नति में सहभागी बन सकोगे, जेल में रहकर तो भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद जैसे देशभक्तों ने जेल को ही पवित्र कर दिया था इसलिए तुम अपने आप में भी वह गुण बनाओ और समझो  और एक सच्चे देशभक्त बनकर दिखाओ। देशभक्ति और आध्यात्म का यह मार्ग प्रशस्त कर रहे थे आध्यात्मिक गुरू डॉ.रघुवीर सिंह गौर जो स्थानीय जिला जेल परिसर में शहीद दिवस तात्याटोपे के बलिदान को स्मरण करते हुए कैदियों में देशभक्ति का अलख जगा रहे थे।

बीपीएम जयंहिद मिशन द्वारा जेल में आयोजित कार्यक्रम से पूर्व स्थानीय तात्याटोपे समाधि स्थल पर अपने श्रद्धासुमन अर्पित कर अमर सेनानी तात्याटोपे के पदचिह्नों पर चलने का संकल्प लिया। इस मौके पर विधायक पोहरी प्रहलाद भारती, सीआईएटी सीआरपीएफ के डिप्टी कमाण्डेट के.पी.यादव, असि.कमाण्डेट एच.एन.मीणा, आर्मी से मंजीत सिंह, तात्याटोपे के वंशज सुभाष टोपे, कर्नल ढिल्लन के वंशज सर्वजीत ढिल्लन, जिला जेल के वरिष्ठ उप अधीक्षक व्ही.एस.मौर्य, जयहिंद मिशन के सचिव आदित्य शिवपुरी, रामजी लाल शर्मा शिक्षक, मुरारी लाल, विजय परिहार, भारत स्वाभिमान से विजया रावत, नितिन शर्मा, उ मेद सिंह वर्मा आदि भी मौजूद रहे जिन्होंने तात्याटोपे पर श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद जिला जेल परिसर में आयोजित गुरूदेव रघुवीर सिंह गौर के आध्यात्मिक प्रवचनों का आर्शीलाभ प्राप्त किया। 

इस दौरान देशभक्ति और देशभक्त बनने के लिए सीआईएटी सीआरपीएफ के डिप्टी कमाण्डेट के.पी.यादव ने अपने संस्मरणों को सुनाया और  कैदियों से भी देशभक्त बनने का आग्रह किया साथ ही अपने जीवन में सुधार लाने का यह स्थान जेल देशभक्ति से परिपूर्ण रहा जिसमें शहीद तात्याटोपे भी बैरक नं.4 में रहे, ऐसे बलिदानियों के पावन चरण से पवित्र हुई यह जेल नहीं बल्कि देशभक्ति की मिसाल है। कार्यक्रम का सफल संचालन आदित्य शिवपुरी ने किया जबकि आभार प्रदर्शन जिला जेल के वरिष्ठ उप अधीक्षक व्ही.एस.मौर्य ने व्यक्त किया। इस दौरान अमरशहीद तात्याटोपे के बलिदान का स्मरण उनके वंशज सुभाष टोपे द्वारा किया गया। कार्यक्रम समापन पश्चात सभी अतिथिद्वयों ने जेल में बैरक नं.4 का अवलोकन किया जिसमें शहीद तात्याटोपे बंद रहे थे। इस दौरान कई महत्वपूर्ण जानकारियां भी आपस में सांझा की गई।