सिंधिया से मुकाबला चाहिए तो अतिथि प्रत्याशी मत लाइए

त्वरित टिपपणी/ललित मुदगल
शिवपुरी। जैसा की तय था कि गुना-शिवपुरी लोक सभा क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया ही होगें। कांग्रेस की पहली ही सूची में सिंधिया का नाम फायनल हो गया है। अब भाजपा के बारी है उम्मीदवार घोषित करने की, कौनसा प्रत्याशी सिंधिया के खिलाफ उतारता है जो सिंधिया का विजयी रथ रोक सके।

इस समय मोदी की लहर में भी भाजपाईयों का कहना है प्रत्याशी बडे नाम का नही काम का होना चाहिए, अर्थात गेस्ट केंडीडेट, सिंधिया को नही हारा सकता क्योंकि जनता अतिथि प्रत्याशियों को कभी महत्व नहीं देती। भाजपा को शिवपुरी, गुना और अशोक नगर जिले से ही किसी उम्मीदवार को टिकिट देना चाहिए।

अभी पूर्व सांसद और विधायक जयभान सिंह पवैया का नाम भाजपा की ओर से चर्चा में है, और वे लगातार इस क्षेत्र में दौरे भी कर रहे है। अभी उन्होने एक प्रेस वार्ता में शिवपुरी की मिडिय़ा के समक्ष कहा कि सिंधिया अजेय नही है, अगर कोई व्यक्ति को पार्टी मुद्दे चुनने को फ्री हैंड छोड दे तो वह चुनाव जीत सकता है परन्तु उन्होने मुद्दे और फ्री हैंड का मतलब नही बताया। पवैया ने प्रेस वार्ता में कहा कि उनका कोई मन अभी सिंधिया के खिलाफ चुनाव लडऩे का नही है और ना ही पार्टी ने उन्हे आदेशित किया है।

दूसरी ओर भाजपा से पूर्व मंत्री कन्हैयालाल अग्रवाल का नाम भी हवा में तैर रहा है वे मंत्री होते हुए भी शिवराज सिंह की लहर में अपना विधान सभा चुनाव हार चुके है, इसी तरह मुंगावली के पूर्व विधायक रावदेशराज सिंह का नाम भी सुनने को आ रहा है परन्तु वे भी अपना विधान सभा चुुनाव हार चुके है इसके अतिरिक्त रिटायर्ड डीआईजी हरि सिंह यादव का नाम भी हवा मेेंं है इनके पास रिटायर्ट डीआईजी होने के अतिरिक्त कोई बायोडाटा नही है। अगर इनमें से किसी को भी सिंधिया के खिलाफ टिकिट दे दिया तो ऐलान से पहले ही पहले ही मैदान छोड़ देगी भाजपा।

भाजपा के पास इस सीट पर मोदी के नाम के अतिरिक्त कुछ नही है सिंधिया पर व्यतिक्तगत रूप से भी कोई आरोप भाजपा के पास नही है केवल बड़े नाम पर भाजपा यहां चुनाव नही जीत नही सकती। यहां भाजपा को इन तीनों जिले में से किसी युवा नेता को मौका देना चाहिए जो अभी तक कोई चुनाव नही लड़ा हो नया फ्रेश चेहरा जो सीधे जनता में घुलमिल जाये। अगर वह चुनाव हार भी जाए तो अगले पांच साल मेहनत करके भविष्य में अपनी जगह बना सके।

कोई ठोस प्रत्याशी सिंधिया के खिलाफ निर्माण करना है तो नया चेहरा स्थानीय हो, लोकप्रिय हो,उसे पार्टी द्ववारा भरोसा दिया जाये कि, लगे रहो आगे भी आपको ही मौका मिलेगा, तो शायद ही भविष्य में सिंधिया से लोहा लेने के लिए किसी नेता का निर्माण किया जा सकता है। नही तो सिंधिया यहां अजैय है अजैय ही रहेंगें।