वोट के लिए धर्म, धन या बल का लिया सहारा तो जाना होगा जेल

शिवपुरी। कलेक्टर एवं जिलादण्डाधिकारी आरके जैन ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार आदर्श आचरण संहिता अंतर्गत चुनाव प्रचार हेतु धार्मिक स्थानों तथा समारोह का उपयोग करना तथा मतदाताओं को नगद धन राशि या सामग्री प्रदान कर अपने पक्ष में मतदान कराने पर भी दण्ड का प्रावधान सुनिश्चित किया गया है।

कलेक्टर श्री जैन ने कहा कि राजनैतिक उद्देश्य के लिये धार्मिक संस्थाओं एवं पूजा स्थलों के उपयोग पर पाबंदी लगाई गई है। राजनैतिक प्रचार के लिये धार्मिक स्थानों का उपयोग नहीं किया जायेगा, इसका उल्लंघन करने पर पाँच साल का कारावास हो सकता है। किसी भी पूजा स्थल को राजनैतिक दल या उ मीदवार के द्वारा प्रचार के लिये उपयोग करने पर प्रतिबंध है। इन कामों में किसी भी धार्मिक संस्था की निधि का भी उपयोग नहीं किया जा सकता। 

इस तरह राजनैतिक गति या विचार के प्रचार के उपयोग पर 5 वर्ष तक का कारावास हो सकता है। निर्वाचन के दौरान अगर आपने किसी को वोट डालने या ना डालने के लिए रूपयें या अन्य सामग्री दी या ली तो दोनों व्यक्तियों को एक साल की सजा या जुर्माना, दोनों हो सकते है। श्री जैन ने आगे बताया कि भारतीय दण्ड संहिता की धारा 171 (ख) के अंतर्गत कोई व्यक्ति निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान किसी व्यक्ति को उसके निर्वाचन अधिकार का प्रयोग करने के लिए उत्प्रेरित करने के उद्देश्य से नकद या वस्तु रूप में कोई पारितोषण देता है या लेता तो वह एक वर्ष तक के कारावास या जुर्माने, दोनों से दण्डनीय होगा। 

उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त, भारतीय दण्ड संहिता की धारा 171 (ग) के अनुसार जो कोई व्यक्ति किसी अ यर्थी या निर्वाचक या किसी अन्य व्यक्ति को किसी प्रकार की चोट पहुंचाने की धमकी देता है वह एक वर्ष तक के कारावास या जुर्माना, दोनों से दण्डनीय होगा। उन्होंने बताया कि उडऩदस्ते, रिश्वत देने वालों और लेने वालों दोनों के विरूद्ध मामले दर्ज करने के लिए और ऐसे लोगों के विरूद्ध कार्यवाही करने के लिए गठित किए गए है जो निर्वाचकों को डराने और धमकाने में लिप्त है। उन्होंने जिले के सभी नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे किसी प्रकार की रिश्वत लेने से परहेज करें और यदि कोई व्यक्ति कोई रिश्वत की पेशकश करता है या उसे रिश्वत और निर्वाचकों को डराने, धमकाने के मामलों की जानकारी है तो उन्हें जिला निर्वाचन कार्यालय में शिकायत प्राप्त करने के लिए स्थापित प्रकोष्ठ के टेलीफोन नंबर 07492-232860 पर सूचित करें।