सिंध को लेकर लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी ने दिया तीसरी बार धरना

शिवपुरी। नहीं चाहिए मल और मूत्र, सिंध लाऐंगें बस एक सूत्र, हम गरीबों की यही पुकार-हक पाना हमारा अधिकार, इत्यादि नारों के साथ शुरू हुआ लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी का तीसरा धरना एवं महामहिम राष्ट्रपति द्वारा कलेक्टर सौंपे ज्ञापन और संयुक्त गठबंधन की खुली चेतावनी के साथ समाप्त हो गया।
जिसमें लोसपा, राष्ट्रीय एकता परिषद इकाई शिवपुरी व राष्ट्रीय पुर्नजागरण आन्दोलन ने संयुक्त रूप से सिंध जलावर्धन योजना की पूर्णता को लेकर तीसरा धरना दिया और भाग लिया। महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापित मांगों में  पूर्व में दिए गए दो ज्ञापनों में की गई मांगों के अलावा ओला प्रभावित किसानों को 10-10 हजार रूपये प्रति बीघा मुआवजा प्रदाय किया जाए की मांग भी पुरजोर तरीके से की गई, इसके अलावा कृषि ऋण और ब्याज को माफ तथा किसी किसान की दु:खद मृत्यु पर 10-10 लाख रूपये आर्थिक सहायता प्रदाय करने की अतिरिक्त मांग तीनों संगठनों द्वारा की गई। समूचे धरने में शिवपुरी की सबसे अहम समस्या पेयजल की सिंध जलावर्धन योजना आदिवासियों के वन भूमि पर पट्टे एवं आवासीय पट्टे, राशनकार्ड एवं दबंगों के कब्जों के मुद्दे छाए रहे। 

इस बीच लोसपा ने कहा है कि हम सिंध को लाकर ही दम लेंगें। इसके लिए भले ही चुनाव पश्चात हमें कितने ही धरने प्रदर्शन क्यों ना करना पड़े? वहीं एकता परिषद ने कहा कि आदिवासी भाईयों और आम गरीब के हकों के लिए हमारी संयुक्त लड़ाई जारी रहेगी। इस मौके पर लोसपा के प्रदेश महासचिव भाई वीरेन्द्र ने संबोधित करते हुए कहा कि अभी यह शुरूआत है अगर हमारी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया तो आन्दोलन और तेज किया जाएगा। जनहित के मुद्दों पर उन्होंने सभी उन संगठनों का आह्वान किया है जो देश से भ्रष्टाचार और जनसेवा के कार्यों में अपनी सहभागिता कर देश के आम गरीबों के हाथों में सत्ता देने संघर्ष करने संयुक्त रूप से तैयार हों। 

धरना प्रदर्शन में रामश्री एवं एकता परिषद के रामप्रकाश ने भी अपना संबोधन दिया। इस अवसर पर धरना प्रदर्शन के बाद महामहिम के नाम ज्ञापन सौंपकर मांगों की पूर्णता के लिए अपर कलेक्टर को ज्ञापन सांैपा गया। धरने में राष्ट्रीय पुर्नजागरण अभियान के राष्ट्रीय संयोजक हरीश तोमर, एकता परिषद के अध्यक्ष रामप्रकाश शर्मा, लोसपा के जिलाध्यक्ष संजीव पुरोहित, धर्मेन्द्र गुर्जर, प्रहलाद आदिवासी, अनेक आदिवासी, समाजसेवी मनोज गौतम व अन्य सैकड़ों आदिवासी महिला-पुरूष इस धरना प्रदर्शन में शामिल थे।