लो वापस भेज दिया अवैध दवाओं का ट्रक, कोई नहीं रोक पाया माफियागिरी

शिवपुरी। मीडिया की छापामारी में बीती रात पकड़ाया गया दवा माफिया का एक ट्रक जिला प्रशासन ने बिना न्यायालयीन कार्रवाई के लिए ही छोड़ दिया। मीडिया का हेवी प्रेशर भी कुछ नहीं कर पाया और राजनीति की तो उम्मीद ही बेमानी है वो तो बस बातें बनाकर वोट जुटाने में लगे हैं। प्रशासन ने 24 घंटे के भीतर पूरे मामले पर लीपापोती कर डाली।

आधी रात को उतरने वाली लगभग 36 लाख की दवाओं का यह बड़ा घोटाले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है इसके साथ ही यहां कई ऐसे सवाल भी उठ खड़े हुए है जिसमें जांच की गुंजाईश है।

ऐसे में बताया जाता है कि दवाओं से भरे ट्रक को तहसीलदार ने वापिस भेज दिया लेकिन सवाल यह है कि आखिर बजट सरेण्डर होने के बाद भी इतनी भारी मात्रा में गुपचुप तरीके से दवाऐं आई क्यों और उन्हें रात के अंधेरे में ही क्यों उतरवाया जा रहा था?

दूसरा सवाल कि बिल्टी में महिला बाल विकास अधिकारी के नाम कैसे बनी जबकि स्वयं महिला बाल विकास अधिकारी इस पूरे मामले से पल्ला झाड़ रही है हालांकि वह यह तो स्वीकारती है कि दवाऐं उन्होंने मंगाई थी लेकिन जब तक दवाऐं शिवपुरी नहीं आई तो उन्होंने बजट सरेण्डर कर दिया, अब वह कह रहीं है कि दवाऐं आगामी समय में फिर से आऐंगी, ऐसे में यह मामला अब जांच का विषय बन गया है। फिलवक्त तो देखने से लग रहा है कि पूरे मामले को ही दबाया जा रहा है ताकि कोई सवाल भी पैदा ना हो और विभागीय कार्यवाही भी ठण्डे बस्ते में पड़ जाए।

ये सवाल हुए खड़े  

विगत दिवस रात्रि के समय महिला बाल विकास विभाग द्वारा गुपचुप तरीके से न्यूब्लॉक स्थित आंगनबाड़ी प्रशिक्षण केन्द्र में दवाओं से भरे ट्रक को खाली कराने का मामला उजागर होने के बाद अब उसे वैधानिकता प्रदान करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। लेकिन अभी भी यह प्रश्र अनुत्तरित है कि जब बजट सरेंण्डर कर दिया गया था तो फिर दवाएं क्यों उतरवाईं जा रही थीं। इस सवाल का भी जवाब नहीं मिला कि महिला बाल विकास अधिकारी उपासना राय 20 लाख की दवाएं होने की बात कर रही हैं। जबकि बिल 36 लाख 43 हजार 500 रूपये का है। इस बात का संतोषजनक जवाब भी किसी के पास नहीं हैं कि दवाएं जब महिला बाल विकास विभाग की हैं तो बिल्टी और बिल जिला मलेरिया अधिकारी के नाम कैसे बना दिए गए, लेकिन इसके बाद भी मामला दबाने के प्रयास शुरू हो गए। संबंधितों ने ट्रक को थाने से उठवा दिया और महिला बाल विकास अधिकारी का कहना है कि बजट आने के बाद दवाएं पुन: खरीदी जाएंगी। उक्त दवाओं से लदे ट्रक को फिलहाल ट्रांसपोटर के सुपुर्द कर दिया गया है।