सिंधिया पर यहां हरिबल्लभ से ज्यादा भारी कोई नही रहा

शिवपुरी। कांग्रेस में अजैय योद्धा माने जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया को पिछले तीन चुनावो में कोई भी भाजपा प्रत्याशी सीधी टक्कर नही दे पाया है। केवल हरिबल्लभ शुक्ला ही भाजपा से चुनाव लडऩे वाले एक मात्र प्रत्याशी थे जिन्होने सिंधिया का जीत का अंतर काफी कम कर पाया था। पाठको ने ये बताना आवश्यक है कि हरिबल्लभ शुक्ला ने राजनीति को कखग स्व: माधवराव से ही सीखा था।

 सन 2002 को सिंधिया के पहला लोकसभा चुनाव था इस उपचुनाव में भाजपा ने सिंधिया के खिलाफ अशोकनगर जिले के मूगावली विधानसभा के उस समय के विधायक राव देशरासिंह को चुनाव में उतारा था। इस चुनाव में सिंधिया को 5 लाख 35 हजार 728 मत मिले थे। वही राव देशराजसिंह को सिर्फ 1 लाख 29 हजार वोट मिले थे। इस चुनाव मेें सिंधिया ने भाजपा प्रत्याशी राव देशराव सिंह को रिकार्ड मत 4 लाख 6 हजार मतो से पराजित किया था।

सन 2004 में आम लोक सभा चुनाव में इस बार भाजपा ने कांग्रेस से कांग्रेस को लड़वाने में कामयाब हो गई। शिवपुरी-गुना लोकसभा सीट से कांग्रेस की कोख से जन्में हरिबल्लभ शुक्ला को भाजपा के बैनर तले सिंधिया से चुनाव लडवाने में कामयाब हो गई इस चुनाव में मुकाबला काटे का होता दिख रहा था क्यो कि हरिबल्ल्रभ शुक्ला भाजपा के रथ पर बैठ सिंधिया पर आरोपो के बाणो की बौछार कर रहे थे। नतीजा भाजपा की हार और सुखद रहा था अपने पहले चुनाव में सिंधिया ने भाजपा के प्रत्याशी को चार लाख मतो से अधिक से हराया था लेकिन हरिबल्ल्भ ने इस जीत के आकडें कों कम कर दिया और सिंधिया यहा से केवल 86 हजार मतो से ही जीत पाये।

सन 2009 को आम लोकसभा चुनाव इस चुनाव मेें इस बार भाजपा ने प्रदेश सरकार कददावर मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा को सिंधिया को उतारा। इस चुनाव में लग रहा था नरोत्तम सिंधिया पर भारी होगें। स्टेट की भाजपा सरकार अपने मंत्री को विजयी बनाने के लिए जी जान से जुट गई लेकिन नतीजो ने भाजपा को झटका दिया इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को 1 लाख 63 हजार मत मिले और सिंधिया को 4 लाख 13 हजार मत मिले और भाजपा प्रत्याशी को 2 लाख मतो से अधिक अंतर से हराया।

कुलमिलाकर यह अब ज्योतिरादित्य सिंधिया अजैय माना जाने लगा है भाजपा अभी तक यह से प्रत्याशी को लेकर मंथन में ही है पहले इस लोकसभा सीट से उताभारती के नाम की चर्चा थी फिर जयभान सिंह पवैया ने अपनी जमीन टटोलने के लिए दौरे किए परन्तु एक पत्रकार वार्ता मेें उन्होने कहा कि सिंधिया अजैय नही है परन्तु वह अपने दावेदारी के प्रश्रो को वह हवा मेें उड़ा गये। यहां पर लिखना उचित होगा कि भाजपा के पास यहां मोदी के नाम अतिरिक्त कुछ भी नही है ।