1 साल बाद भी उत्सव को नहीं मिला न्याय, शिवपुरी शर्मशार या फिर धिक्कार

शिवपुरी। आज पूरा एक साल हो गया, शिवपुरी के मासूम लाड़ले उत्सव गोयल हत्याकांड को लेकिन ना तो फरार हत्यारे को गिरफ्तार किया जा सका है और ना ही पुलिस न्यायालय में इस प्रकरण को लेकर संजीदा दिखाई दे रही है।

इतिहास गवाह है, यह शिवपुरी का सबसे संवेदनशील मामला था। विषय एक स्कूल स्टूडेंट के अपहरण और हत्या का नहीं था बल्कि शिवपुरी में तेजी से बढ़ रहे अपराध और पुलिस की निष्क्रियता का था। बीच शहर में से उत्सव गोयल के अपहरण और हत्या के बाद पूरा का पूरा शहर जैसे सड़कों पर आ गया था। क्या कुछ हुआ यह बताने की जरूरत नहीं लेकिन यह जरूर याद दिलाया जाना चाहिए कि वो शिवपुरी का असली जनाक्रोश था जो पूरी तरह से असंगठित था। जिसको जैसा समझ में आया उसने वैसा विरोध किया परंतु यह वो दिन था जब पूरा शहर शोमग्न था, पूरा शहर आक्रोशित था, अशांत था।

इसके बाद तमाम उठापटक हुईं, संवेदनशीलताओं की बातचीत हुईं परंतु धरातल पर क्या कुछ हुआ यह आज की तारीख बयां करतीं है। इस हत्याकांड के तीन आरोपियों में से 1 आज तक फरार है। पूरी की पूरी पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई है। इतना ही नहीं न्यायालय में भी पुलिस ने कोई गंभीर कदम नहीं उठाए। पुलिस आरोपियों को सजा दिलाने में अब तक नाकाम रही है।

ऐसी स्थिति में उत्सव की पहली बरसी पर बस इतना ही कहा जा सकता है कि हे उत्सव, हम तेरे गुनहगार हैं, तेरे हत्यारों को ना पकड़ पाने के लिए शर्मशार हैं। या फिर ऐसी व्यवस्था पर जो एक मासूम को न्याय ना दिला पाए, धिक्कार है, धिक्कार है, धिक्कार है।