SDM का आदेश: या तो सूअर भगाओ या जेल जाओ

शिवपुरी। नगरपालिका के परिवाद पर अनुविभागीय दण्डाधिकारी डीके जैन ने नगरपालिका को आदेशित किया कि वह सूअरों को जिले की सीमा से बाहर करे और इस कृत्य में व्यवधान करने वाले तथा सूअरों पर मालिकाना हक जताने वाले सूअरपालकों के विरूद्ध भादवि की धारा 188 के तहत कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराये।

एसडीएम कोर्ट ने आज दिए अपने निर्णय में सूअर पालक बब्बल महते पुत्र कल्ला मेहते, गिरवर पुत्र सावलिया खरे, भगतराम पुत्र रंगीलाल, शक्ति धौलपुरिया पुत्र ईश्वर धौलपुरिया, कल्लू मेहते पुत्र छोटेलाल, विजय मेहते पुत्र कल्ला मेहते, घनश्याम मेहते पुत्र कल्ला मेहते, बालमुकुंद पुत्र मिश्री, बलवंत पुत्र सिरनाम, नंदराम पुत्र रंगीलाल, किशन पुत्र चिंटू, बच्ची पुत्र उमराव, दयालाल पुत्र सावरिया को पाबंद किया गया है कि वह सूअरों को बाहर करने में नगरपालिका को व्यवधान पैदा न करे तथा चिन्हित सूअरों पर अपना मालिकाना हक न दर्शाए। 

न्यायालय ने प्रत्येक सूअरपालक के विरूद्ध आदेश जारी कर फैसला दिया है कि उनके सूअरों को नगरपालिका चिन्हित कर उन्हें जिले की सीमा से बाहर करे। नगरपालिका को यह भी आदेशित किया गया है कि वह सूअरपालकों के विरूद्ध नगरपालिका अधिनियम की धारा 256 के तहत भी कार्रवाई कर सकती है। 

विदित हो कि शिवपुरी के नागरिक काफी समय से सूअरों के आतंक से परेशान है। सूअरों की बहूतायत के कारण नगर में गंदगी फैल रही है तथा संक्रामक बीमारियों का खतरा उत्पन्न हो गया है। सूअरों के हमले में अनेक लोग घायल हो चुके हैं। इस जन समस्या को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार की मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने विधायक निर्वाचित होने के बाद सबसे पहले इस पर अपना ध्यान केन्द्रित किया और नगरपालिका प्रशासन को शहर से सूअर बेदखल करने का आदेश दिया।

नगरपालिका ने सूअरों को हटाने के प्रयास तो किए, लेकिन बहुत जल्द हथियार डाल दिए। सूअरों को हटाने के लिए जिस दृढ़ता का परिचय नगरपालिका प्रशासन को देना था उसकी कमी हमेशा महसूस की गई। नगरपालिका ने नगरपालिका अधिनियम के तहत सूअरपालकों के विरूद्ध कार्रवाई करने के स्थान पर गेंद एसडीएम कोर्ट में डाल दी और दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 133 के तहत यहां आवेदन दिया। इस आवेदन पर सूअरपालकों को नोटिस जारी कर उनसे उनका पक्ष जाना गया। 

बहुत से सूअर पालकों ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि उनके सूअर नहीं है। कुछ ने कहा कि बड़े सूअर पालकों के विरूद्ध नगरपालिका कार्रवाई नहीं कर रही। नगरपालिका अधिकारी द्विवेदी ने शहर में सूअरों के प्रमाण छायाचित्र के जरिए पेश किए। इस पर न्यायालय ने 16 जनवरी को सूअरपालकों को सशर्त आदेश जारी कर 21 जनवरी तक अपने-अपने सूअर शहर से हटाने को कहा, परंतु इसका क्रियान्वयन सूअरपालकों ने नहीं किया। आज एसडीएम कोर्ट ने इस मामले का निराकरण करते हुए सभी 12 सूअरपालकों के विरूद्ध आदेश जारी किया। देखना यह है कि नगरपालिका अब कितनी जल्दी सूअरों को जिले की सीमा से बाहर करने में सक्षम होगी।