आखिर शिवपुरी क्यों नहीं आते सीएम

शिवपुरी। एक बार फिर तय कार्यक्रम के बाद सीएम का शिवपुरी आगमन स्थगित हो गया। अब शिवपुरी में 'आओ बनाएं मध्यप्रदेश' सम्मेलन का आयोजन नहीं होगा।

मध्यप्रदेश सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान का आगमन जब भी शिवपुरी होता है तो इसके लिए जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन व नगर पालिका सहित समस्त प्रशासकीय अमला जोर-शोर से तैयारियों में जुट जाता है और इसके लिए कई प्रकार के कार्यक्रमों की रूपरेखा भी बनाई जाती है अभी-अभी की बात करें तो कलेक्टर ने विभिन्न समितियां बनाकर प्रदेश सरकार के मुख्य आयोजन आओ बनाऐं अपना मध्यप्रदेश को लेकर तैयारियां करने के निर्देश दिए थे, लेकिन शिवपुरी आने से पूर्व ही प्रदेश के मुखिया का अचानक दौरा स्थगित हो जाता है।

कोटानाका की प्रेस कॉन्फेंस से नहीं सुधरे हालात

मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वितीय कार्यकाल के दौरान जब वे शिवपुरी में रात्रि विश्राम करने दो दिवसी प्रवास पर थे तब दौरे के अगले दिन जब मुख्यमंत्री की प्रेसवार्ता हुई तो पत्रकारों ने सीएम से कुछ सवाल किए। जिसमें एक सवाल के जबाब में सीएम ने स्वयं को भू-माफियाओं के दबाब में होने की बात कही, बस यहीं से हालात बिगड़े और आज तक नहीं सुधरे।

इस खबर के बाद शिवपुरी के मीडियाकर्मियों की चर्चा सबदूर सुनाई दे रही थी, कोई टीवी चैनल सीएम प्रेसवार्ता की रिकॉर्डिंग मांग रहा था तो कोई लिखित स्टेटमेंट, तब से लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शिवपुरी में कदम रखने से पहले कई बार सोचते है और खासतौर से वह मीडिया से दूरी रखना चाहते है इसके कई प्रमाण भी देखने को मिले। जब वह अटल ज्योति अभियान और जनआर्शीवाद यात्रा लेकर आए तब भी यही हालात थे और मीडियाकमीर्या सें उनकी प्रेस कॉन्फे्रंस भी नहीं हो सकी।

शिवपुरी से दूरी कहीं विकास में बाधा तो नहीं

ऐसा ना हो कि मु यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शिवपुरी आने से दूरी बनाकर यहां विकास की एक बाधा खड़ी कर दें। आमजन में यही चर्चा सुनाई दे रही है क्योंकि प्रदेश के विभिन्न विकास खण्डों में मुख्यमंत्री आते-जाते रहते है लेकिन शिवपुरी में आने का उनका दौरा जब भी बनता है वह किसी ना किसी कारण से स्थगित हो जाता है। अभी बीते विधानसभा चुनाव से पूर्व भी मुख्यमंत्री को किसी बड़े आयोजन में शिवपुरी आना था लेकिन ऐन वक्त पर कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा और हालात पुन: वही हो गए। इससे अब यह बात सामने आने लगी है कि कहीं शिवपुरी से बनाकर वह विकास में बाधा बनना तो नहीं चाहते। हालांकि यह जनचर्चा का विषय है।

स्थगित हुआ आओ बनाऐं अपना मध्यप्रदेश

विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री के 100 दिवसीय कार्यकाल में यह गौर करने वाली बात होती है कि इन तीन महीने 10 दिन में प्रदेश सरकार ने जनहित में क्या और कितने कार्य किए। इन्हीं में से एक है आओ बनाऐं अपना मध्यप्रदेश, प्रदेश के मुखिया का यह आयोजन संपूर्ण प्रदेश भर में संचालित होने जा रहा है क्योंकि इस आयोजन में मप्र सरकार के विकास कार्यों से जन-जन को अवगत कराया जाएगा, संभव है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में इन आयोजनों से भाजपा अपने पक्ष में मतदाताओं को प्रलोभित करें। ऐसे में 100 दिवसीय कार्यकाल में जहां सीएम ने मंत्री,विधायक और प्रभारी मंत्रीयों को धरातल पर रहकर कार्य करने के निर्देश दिए हैं तो वहीं वह स्वयं भी अचानक दौरे करने की बात कहकर प्रशासनिक अमले को अचरज में डाल देते है। ऐसे में इस कार्य योजना से यह सौ दिनी योजना सफल होनी थी लेकिन शिवपुरी में सीएम के ना आने के कारण आओ बनाए अपना मध्यप्रदेश कार्यक्रम स्थगित हो गया।