इसाई समाज ने सौंपा यशोधरा को ज्ञापन

शिवपुरी। इसाई समाज संघ शिवपुरी द्वारा वर्ष 2012 में ग्राम सिंहनिवास में सर्वे नं.2513 की भूमि इसाई परिवारों के निवास करने के लिए खरीदी गई थी लेकिन यहां शहर के ही कुछ जमीन व्यापारियों ने इसाई समाज द्वारा ली गई भूमि के आसपास बाउण्ड्री कर रास्ता बंद कर दिया जिससे ईसाई समाज में रोष व्याप्त है
इस संबंध में जिला प्रशासन को भी शिकायत की गई लेकिन अब तक रास्ता नहीं खोला गया, इस समस्या से अवगत कराने प्रदेश की उद्योग मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया को ईसाई समाज संघ ने ज्ञापन सौंपकर इस ओर शीघ्र कार्यवाही की मांग की है ताकि उनके रिहायशी क्षेत्र की भूमि का रास्ता खुले और वह परिवार सहित निवास कर सके। 

इसाई समाज संघ अध्यक्ष सेल्वेरियुस लकड़ा, उपाध्यक्ष पास्कल एक्का, सचिव एम.जी.राजन, महिला अध्यक्ष श्रीमती स्वाति लकड़ा, कोषाध्यक्ष श्रीमती आनन्द कुमारी टोप्पो सहित इसाई समाज के अन्य समाज बन्धुओं पीटर कुजूर, तेयोफिल मन्ना, अनिल लकड़ा, निर्मल एक्का, उत्तम केरकेटटा आदि ने पंचनामा सहित अपनी समस्याओं का ज्ञापन उद्योग मंत्री यशोधरा राजे ङ्क्षसधिया को सौंपा जिसमें इसाई समाज ने बताया कि ग्राम सिंहनिवास में सर्वे नं.2513 इसाई समाज के 31 परिवारों के द्वारा रूपये एकत्रित कर तीन बीघा भूमि 27 मार्च 2012 को रजिस्ट्री कराई व नामान्तरण 16 अप्रैल 2012 को कराया। 

उक्त भूमि का डायवर्सन भी 28 अप्रैल 2012 को एसडीएम शिवपुरी के न्यायालय में रिहायशी हेतु विधि-विधान से कराया गया। सर्वे नं.2513 की इस भूमि को जाने के लिए रास्ता हेतु 21 मार्च 2012 को तहसीलदार शिवपुरी द्वारा आदेश जारी कर दिया गया जो कि नक्शे में दर्ज है लेकिन इस भूमि के चारों ओर बाउण्ड्रीबाल की गई जिसमें इसाई समाज द्वारा डॉ.एम.डी.गुप्ता व स्वरूपचंद जैन द्वारा यह बाउण्ड्री कराए जाने के आरोप लगाए और जांच की मांग की।

 इसाई समाज की मांग है कि उनकी भूमि दबंगो के बीच है जिससे समाज के लोगों को परेशान करने पत्थर की बाउण्ड्री व लोहे कागेट लगाकर रास्ता बंद कर दिया गया, रास्ता बंद हाने की सूचना भी तहसीलदार को 15 जनवरी 2013 को लिखित आपत्ति के साथ की जिसका विभागीय अधिकारियों ने मौका मुआयना किया इसके बाद भी रास्ता बंद है। अपनी भूमि को मुक्त कराने के लिए इसाई समाज ने उद्योग मंत्री से जनता-दरबार में न्याय की गुहार लगाई है ताकि इसाई परिवार अपनी भूमि में अपने परिवार के साथ निवास कर सकें।