अनियमित्ता के आरोप में खेड़ापति मंदिर के पुजारी को हटाया गया

शिवपुरी। माफी की जमीन के वेजा उपयोग के विरोध में फरियादी कुशवाह द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में लगाई गई याचिका का परिणाम यह हुआ कि प्रशासन हरकत में आया। इसीक्रम में कार्यवाही करते हुए अनुविभागीय दण्डाधिकारी डीके जैन ने खेड़ापति हनुमान मंदिर की जमीन पर अवैध कब्जे, दुकानों का निर्माण और किराया बसूली के आरोप में मंदिर के पुजारी लक्ष्मणदास को लिप्त मानते हुए उन्हें पद से हटा दिया है।

बताया जाता है कि उक्त पुजारी ने लगभग पांच बीघा जमीन पर अवैध कब्जा कर 37 दुकानों का निर्माण कर लिया था और उनके किराये का उपभोग कर रहा था। अनुविभागीय दण्डाधिकारी श्री जैन ने नये पुजारी की नियुक्ति के लिए तहसीलदार, आरआई और पटवारी की तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है। प्रशासन की इस कार्यवाही से माफी की जमीन का उपयोग करने वालों में हड़कंप मच गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार माननीय उच्च न्यायालय में फरियादी श्री कुशवाह ने एक याचिका दायर कर खेड़ापति हनुमान मंदिर के पुजारी पर आरोप लगाया था कि वह माफी की जमीन का निज हित में उपयोग कर रहे है। इस पर माननीय उच्च न्यायालय ने प्रशासन को कार्यवाही करने के निर्देश दिये। विदित हो कि फरियादी खेड़ापति हनुमान मंदिर की जमीन में बनी दुकान का किरायेदार है। इसके बाद अनुविभागीय दण्डाधिकारी श्री जैन ने मंदिर की जमीन के पूरे रिकार्ड तलब किये तो पता चला कि झांसी रोड़ और वायपास पर स्थित मंदिर की लगभग पांच बीघा जमीन पर पुजारी द्वारा अनेक दुकानों का निर्माण करा दिया गया है और उक्त किराये का निज हित में इस्तेमाल कर रहा है।

मंदिर की जमीन पर कई लोगों ने कब्जा भी कर लिया है। सूत्र बताते है कि इनमें एक पूर्व अनुविभागीय अधिकारी पुलिस की धर्मपत्नि हैं। इस पर प्रशासन ने तुरंत कार्यवाही करते हुए उक्त अवैध कब्जे को हटवाया तथा अतिक्रामक पर 50 हजार रूपए का अर्थ दण्ड आरोपित किया। गुना वायपास पर मंदिर की जमीन पर अवैध रूप से रास्ता निर्मित कर अतिक्रामकों ने अपनी जमीन पर प्लॉट काटकर बेच दिये थे। मंदिर की जमीन में से प्लॉट पर जाने के लिए अवैध रूप से रास्ता निर्मित कर सड़क डाल दी गई थी।