सीएमओ की छुट्टी तय, महंगी पड़ी रिश्वतखोरी और सिंधिया के आदेश की अवमानना

शिवपुरी। नपा में मच रहे भ्रष्टाचार और शहर में सूअरों के विचरण पर रोक लगा पाने में असमर्थ नगर पालिका सीएमओ पी के द्विवेदी की छुट्टी होना तय है। सूत्रों द्वारा बताया गया है कि सीएमओ का तबादला आदेश आना बाकी है वैसे संभवत: आज-कल में वह शिवपुरी से रवानगी डाल देंगें,
फिलवक्त उन पर भ्रष्टाचार रूपी जो गाज गिरी उससे उभर पाने में उन्हें काफी जिल्लत का सामना करना पड़ रहा है यही कारण है कि एक साथ दो-दो विपत्तियों का सामना करने में वह असमर्थ से नजर आ रहे है। प्रभारी मंत्री कुसुम महदेले की फटकार और उद्योग मंत्री यशोधरा राजे ङ्क्षसधिया के आदेशों की अवमानना भी सीएमओ को भारी पड़ रही है जिसके चलते उन्हें शिवपुरी से विदाई कर अन्यत्र जगह भेजे जाने की तैयारी की गई है।

बताना होगा कि गत दिवस लोकायुक्त पुलिस द्वारा रिश्वत के आरोप में गिर तार किये गये सीएमओ पीके द्विवेदी की शिवपुरी से विदाई तय हो गई है। सूत्र बताते हैं कि नगरीय प्रशासन मंत्रालय ने उनके स्थानांतरण का प्रस्ताव तैयार कर लिया है और एक-दो दिन के भीतर स्थानांतरण आदेश जारी हो जाएंगे। वैसे भी स्थानीय विधायक और प्रदेश सरकार की मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया सीएमओ के कार्यकलाप, उनकी निष्क्रिय कार्यप्रणाली से काफी नाराज चल रही थीं।

 जिले के दौरे पर आईं प्रभारी मंत्री कुसुम महदेले ने भी आक्रोश भरे स्वर में सीएमओ से कहा था कि वह रीवा के रहने वाले हैं और उन्होंने एक माह के भीतर शहर से सुअरों को बेदखल नहीं करवाया तो वे उन्हें रीवा भेज देंगी। दूसरी ओर सीएमओ द्विवेदी ने अपने आपको निर्दोष बताया है। उनका तर्क है कि शिक्षिका किरण जैन के पदोन्नति आदेश पर उनके हस्ताक्षर कथितरूप से रिश्वत देने के पूर्व ही हो गये थे। इस मामले में स्थापना शाखा के लिपिक सुरेश गोयल को 9 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिर तार किया गया था और उसके बयान के बाद सीएमओ द्विवेदी की गिर तारी हुई। श्री गोयल का कथन था कि रिश्वत की रकम में से वह आधी रकम सीएमओ को देते हैं।