अंचल में आदिवासी अपने हक के लिए आज भरेंगें हुंकार

शिवपुरी। इसे शासन की नाकामी कहें या आदिवासियों का हक कि आज वह अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर उतरकर अब धरना प्रदर्शन को बाध्य हो रहा। ऐसे में सरकार के बड़े-बड़े वादे यह निष्क्रिय साबित होते नजर आ रहे है।

बीते कई वर्षों से शासन की वादाखिलाफी और अपनी उपेक्षा को झेल रहे विस्थापित परिवार अब अपने हक की लड़ाई के लिए एक-दो नहीं बल्कि पूरा का पूरा गांव धरन प्रदर्शन पर बैठने को बाध्य है। आज से इनका अनिश्चितकालीन धरना रहेगा जहां शासन जब तक इनकी सुनवाई नहीं करेगा तब तक पूरा गांव बे ियादी भूख हड़ताल पर रहकर अपने हक का अधिकार लेने के लिए प्रतिबद्ध रहेगा।

शासन की वादा खिलाफी से विस्थापित गाँव का हर नागरिक गुस्साया हुआ है। वर्षों से अपनी उपेक्षा झेल रहे और सुविधाओं के लिए तरस रहे अमोला के ग्रामीण अब 27 से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठेंगे। मड़ीखेड़ा डूब क्षेत्र में आए विस्थापितों द्वारा अपनी विभिन्न माँगों को लेकर इनके निराकरण हेतु जिला मुख्यालय पर एक विशाल महारैली निकालकर कलेक्टर आर.के. जैन को ज्ञापन सौंपा गया था।

आश्वासन की समय सीमा निकल जाने के बाद भी उक्त विस्थापितों की कोई सुनवाई नहीं की गई है जिसके चलते आज 27 फरवरी को विभिन्न ग्रामों के विस्थापितों द्वारा आमरण अनशन किया जाएगा इस स बन्ध में एक लिखित ज्ञापन ग्रामीणों द्वारा अनुविभागीय अधिकारी करैरा को सौंपा गया है। यह अनशन उस समय तक जारी रहेगा जब तक विस्थापितों की समस्याओं का स्थायी समाधान नहीं निकलेगा, जो गाँव मड़ीखेड़ा डेम डूब क्षेत्र में आए हैं उनमें ग्राम अमोला, काठी, कॉलोनी, मितलौनी, रसोई, करमई, लोटना सहित आदि ग्राम शामिल हैं।

विगत रोज विभिन्न गाँवों के विस्थापितों द्वारा अपनी जिन माँगों को लेकर प्रशासन ज्ञापन सौंपा गया था और आदिवासियों की मांगें पूरी ना होने पर अब पूरा का पूरा विस्थापित गांव भूख हड़ताल पर बैठेगा और अपने हक की लड़ाई लड़ेगा।