इलाहाबाद बैंक मैनेजर के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज

शिवपुरी। कोतवाली पुलिस ने सीजेएम न्यायालय के आदेश के बाद इलाहबाद बैंक के प्रबंधक विनय भार्गव के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया है। यह प्रकरण फरियादी द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत परिवाद की सुनवाई के बाद दर्ज किया गया।

जिसमें इलाहबाद बैंक के प्रबंधक ने कूटरचित दस्तावेज तैयार कर अभियोजन के स्वामित्व की भूमि को बैंक में बंधक बनाकर किसी दूसरे व्यक्ति के नाम ऋ ण आबंटित कर दिया। जिसकी जानकारी लगने पर अभियोजन पक्ष ने पुलिस की असुनवाई के बाद न्यायालय की शरण ली।

न्यायालय में दायर परिवाद में उल्लेख किया गया है कि अभियोजन रेखा सिंह पत्नी ओमपाल सिंह राणा उम्र 35 वर्ष निवासी श्रीबिहार कॉलोनी ने 6 अगस्त 2008 को रामबीर पुत्र मजबूत सिंह रावत निवासी कुशयारा के स्वामित्व की भूमि सर्वे नंबर 187 रकवा 0.35, 189 रकवा 0.40, 190 रकवा 0.39 को विक्रय रजिस्टर्ड पत्र के माध्यम से क्रय की थी। जिस पर रजिस्टर्ड विक्रय पत्र में उक्त विक्रय भूमि पर किसी तरह से ऋण या बंधक न होना दर्शाया गया था।

बाद में 26 सित बर 2008 को अभियोजन पक्ष ने तहसील में उक्त भूमि का नामांतरण भी कराया। जिसकी नकल निकाली गई। उसमें भी उक्त भूमि पर कोई ऋण न होना दर्शाया गया, लेकिन इसके बाद जब 11 अगस्त 2010 को रेखा सिंह ने तहसील से खसरा निकलवाया तो खसरे में उल्लेख किया गया कि उक्त भूमि इलाहबाद बैंक के पक्ष में बंधक है। जिसकी जानकारी रेखा सिंह द्वारा अभिभाषक के माध्यम से एक सूचना पत्र 29 मई 2013 को इलाहाबाद बैंक के मैनेजर विनय भार्गव को रजिस्टर्ड डाक द्वारा पहुंचाया गया और 7 दिवस के अंदर जवाब प्रस्तुत करने की बात कही, लेकिन समय सीमा निकल जाने के बाद भी बैंक प्रबंधन ने कोई जवाब नहीं दिया।

जिस पर पीडि़त रेखा सिंह ने 9 दिस बर 2013 को कोतवाली पुलिस को उक्त धोखाधड़ी की सूचना दी गई, लेकिन पुलिस ने भी उसके प्रकरण में कोई रूचि नहीं दिखाई। बाद में पीडि़त ने अभिभाषक के माध्यम से सीजेएम न्यायालय में एक परिवाद प्रस्तुत किया। जिसमें बैंक प्रबंधक द्वारा धोखाधड़ी सहित कूटरचित दस्तावेज तैयार करने की पुष्टि हुई और न्यायालय द्वारा कोतवाली पुलिस को उक्त प्रकरण में धारा 420, 467, 468, 471 आईपीसी के तहत प्रकरण दर्ज करने का आदेश दिया।

इसी बैंक का एक मैनेजर धोखाधड़ी के मामले में पहुुंचा है जेल अभी हाल ही में इलाहबाद बैंक के रमेशचंद केन  2011 में एक फर्जी व्यक्ति के नाम से के्रडिट कार्ड बनवाकर फर्जीवाड़ा करने के मामले में फरार चल रहे थे। जिन्हें बीते दिनों कोतवाली पुलिस ने गिर तार कर जेल पहुंचा दिया है और अब बैंक में पदस्थ वर्तमान प्रबंधक के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज होने से सनसनी फैल गई है।