पटवारी, सचिव और जालसाज के खिलाफ एफआईआर

शिवपुरी। अपने नाना की जमीन को अपनी मां का एक मात्र उत्तराधिकारी बताकर अपने नाम कराकर उसे बेचने वाले आरोपी विष्णु पुत्र जयसिंह रावत उम्र 30 वर्ष  निवासी शिवपुरी के विरूद्ध सीजेएम न्यायालय ने भादवि की धारा 420, 467, 468, 471, 472, 120 बी के तहत प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए।

इसके साथ ही ग्राम पंचायत सलोदा के सचिव रामसेवक कुशवाह और पटवारी गिरजेश पुत्र रामगोपाल श्रीवास्तव उम्र 42 वर्ष के विरूद्ध भी उपरोक्त धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में पटवारी ने नामांतरण के पूर्व आरोपी विष्णु के पक्ष में प्रतिवेदन प्रस्तुत किया था कि वह अपनी मां रामश्री का एकमात्र उत्तराधिकारी है और इस बाबत् दस्तावेज ग्राम सालौदा के सचिव रामसेवक कुशवाह ने बनवाए थे। 

इस मामले में सीजेएम न्यायालय में परिवाद आरोपी विष्णु के भाई कल्ला, धर्मवीर और बहन कमला ने प्रस्तुत किया था। आरोपी विष्णु पुत्र जयसिंह रावत उम्र 30 वर्ष की मां रामश्री के पिता की भूमि मनियर में सर्वे क्रमांक 581, 582, 583, 584, 585 स्थित थी। जिसकी कीमत लाखों रूपये हो जाने पर आरोपी विष्णु की नियत में ाोट आ गया और उसने अपने भाई कल्ला, धर्मवीर और बहन कमलेश के साथ धोखाधड़ी कर उनकी बगैर जानकारी के उक्त भूमि का तहसील कार्यालय में नामांतरण के लिए एक आवेदन 17/09/2012 को प्रस्तुत किया। 

जिसमें उसने उल्लेख किया कि उक्त भूमि उसकी मां के नाम है और वह अपने माता-पिता की इकलौती संतान है और इसी आधार पर उसकी मां के स्वामित्व की भूमि उसके नाम की जाए। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर विष्णु के नाम जमीन का नामांतरण हो गया और उसने उक्त जमीन को पोहरी के पूर्व विधायक हरिवल्लभ शुक्ला के पुत्रों आलोक और आशीष शुक्ला को 8 लाख रूपये में विक्रय कर दी। जबकि वर्तमान में उस भूमि की कीमत 30 लाख रूपये है। बाद में फर्जी तरीके से भूमि का नामांतरण होने की शिकायत उसके भाईयों और बहन ने तहसील में की। 

जिसमें तहसीलदार ने पटवारी की रिपोर्ट की जांच कराई तो उक्त रिपोर्ट झूठी निकली। यह जानकारी लगते ही पीडि़त कल्ला, धर्मवीर और कमलेश ने अपनी साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत 21 दिस बर 2012 को कोतवाली में की गई। लेकिन उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं  हुई। इसके बाद पीडि़तों ने 22 दिस बर 2012 को एसपी से भी इस संदर्भ में शिकायत की, लेकिन वहां से भी उन्हें न्याय नहीं मिला। बाद में पीडि़तों ने एक परिवाद सीजेएम न्यायालय में दायर किया। जिसमें सभी तथ्यों को ध्यान में रखकर आरोपियों द्वारा किया गया अपराध सत्य पाया गया और आरोपी पटवारी गिरजेश श्रीवास्तव और सचिव रामसेवक कुशवाह और विष्णु के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया गया।