अटल कटौती से जन-जीवन बेहाल, विरोध करो तो दर्ज हो जाती है FIR

शिवपुरी। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अटल ज्योति के नाम से चहुंओर अंधेरे को दूर करने का अभिनव प्रयास तो किया लेकिन यह अभिनव प्रयास शिवपुरी में चारों खाने चित्त नजर आता है।

एक ओर तो कहीं अटल ज्योति के दर्शन दुर्लभ हो गए है तो वहीं दूसरी ओर कई जगह तेज वोल्टेज के कारण लोगों के इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण फुं क रहे है ऐसे में अटल ज्योति अब अटल कटौती की भांति नजर आ रही है। ऐसे में नागरिकों की इस समस्या का समाधान ना होने से अंचल के अनेकों क्षेत्रों में अटल अंधेरा व्याप्त नजर आ रहा है। 
 
बताना होगा कि विधानसभा चुनाव से पूर्व मु यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अटल ज्योति अभियान का शुभारंभ प्रदेश के सभी जिलों में किया था, लेकिन जब से अटल ज्योति अभियान का शुभारंभ हुआ है तब से विद्युत कटौती का सिलसिला और बढ़ गया है। सबसे बेकार स्थिति ग्रामीण क्षेत्रों की है। जहां दो-दो दिनों तक बिजली व्यवस्था ठप्प बनी रहती है। वहीं शहर में आए दिन लगातार कटौती के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त बना हुआ है। वहीं अगर शहर के नागरिक विद्युत विभाग की मनमानी के खिलाफ आवाज बुलंद करते हैं तो उन्हें कानूनी कार्रवाई में फंसा दिया जाता है। 

अभी हाल ही में उद्योगमंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने बिजली समस्या पर नाराजगी जताई थी और शीघ्र ही इस समस्या से  शहरवासियों को निजात दिलाए जाने की बात कही थी, लेकिन मंत्री की नाराजगी के बावजूद भी बिजली व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ। विदित हो कि विद्युत समस्या को लेकर नागरिकों द्वारा कई बार आंदोलन किए गए और कई बार विद्युत अधिकारियों का घेराव भी किय गया और कांग्रेस द्वारा विद्युत समस्या का लेकर आंदोलन किया गया था। जिसमें कांग्रेसियों ने विद्युत विभाग के अधिकारियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा था। 

बाद में उक्त  अधिकारी ने कोतवाली में पहुंचकर अपने आप को बचाया था और अभी कुछ समय पहले ही पुलिस लाईन में समस्या से जूझ रहे नागरिकों ने उन्हें नजरबंद कर दिया था। ऐसी कई घटनाएं घट चुकी हैं। लेकिन इसके बावजूद भी विद्युत समस्या जस की तस बनी हुई है। यहां तक कि जब-जब शहर के नागरिकों ने विद्युत विभाग की मनमानी का विरोध किया तब-तब नागरिकों पर मामले दर्ज कर उन पर कानूनी भी कार्रवाई कर उन्हें शांत करा दिया गया है। ऐसी स्थिति में विद्युत विभाग की मनमानी लगातार बढ़ रही है और नागरिक कानूनी पचड़े में न पड़कर विरोध करने से दूर होते जा रहे हैं। जिस कारण विद्युत कटौती पहले से अधिक की जा रही है।