कुपोषण की स्थिति जान महिला बाल विकास मंत्री ने जताई नाराजगी

शिवपुरी- प्रदेश की महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने आज पोहरी क्षेत्र के ग्राम कालामढ़ में उस हकीकत का सामना किया जिसकी गूंज विधानसभा परिसर में घूमी थी।
मामला कुपोषण का था इसलिए इस मामले को गंभीरता को देखते हुए मौके पर पहुंची महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती मायासिंह ने यहां बारीकी से निरीक्षण किया जहां कई अनियमितताऐं और अव्यवस्थाऐं उन्हें नजर आई जिस पर नाराजगी जताई गई। यहां जो खिचड़ी बच्चों के लिए वितरित की जाती है उसकी घटिया क्वालिटी को देखते हुए तुरंत कार्यवाही के निर्देश भी दिए साथ ही ग्राम कालामढ़ में कुपोषण से हुई मौतों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व महिला बाल विकास अधिकारी श्रीमती उपासना राय से भी चर्चा की गई।

कालामढ़ व बैराड़ के आंगनवाड़ी का निरीक्षण कर दिए सुधार के निर्देश
आंगनवाडिय़ों की दशा ठीक नहीं है इन्हें सुधारे, यह केन्द्र केवल औपचारिक केन्द्र बनकर न रहे, बल्कि अपने मूल उद्देश्य को प्राप्त करें इसके लिए वरिष्ठ अधिकारी सतत् निगरानी करे, यह निर्देश दे रही थी प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह जो आज जिले के पोहरी विकासखण्ड की ग्राम पंचायत कालामढ़ व बैराड़ में आगनवाड़ी केन्द्र के निरीक्षण के दौरान दिए। इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक प्रहलाद भारती, कलेक्टर आर.के.जैन, पुलिस अधीक्षक महेन्द्र सिंह सिकरवार, म.प्र.राज्य सहकारी संघ के पूर्व अध्यक्ष अरूण सिंह तोमर, संयुक्त संचालक सुरेश तोमर भोपाल के संयुक्त संचालक श्री श्रीवास्तव, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती उपासना राय सहित अन्य मैदानी अधिकारी, कर्मचारी व जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। इन सभी के साथ मंत्री श्रीमती सिंह ने आज ग्राम पंचायत कालामढ़ में आंगनवाड़ी केन्द्र कालामढ़ का निरीक्षण किया।

पोषण आहार और बच्चों की उपस्थिति का लिया जायजा
निरीक्षण में दौरान महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने ग्राम कालामढ़ की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से केन्द्र में दर्ज बच्चों, उनकी उपस्थिति और प्रदाय किए जा रहे पोषण आहार की जानकारी प्राप्त की तथा गत एक माह में केन्द्र में दर्ज बच्चों की आकस्मिक मृत्यु के विषय में भी पूछताछ की। यहां आंगनवाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती नीलम ने बताया कि इस केन्द्र पर कुल 157 बच्चे दर्ज है, जिनमे 3 से 6 वर्ष आयु वर्ग के 88 बच्चे है जिन्हे प्रतिदिन आंगनवाड़ी आना होता है लेकिन औसत उपस्थिति 60 से 70 के मध्य ही रहती है तथा शेष 69 बच्चे शून्य से 3 वर्ष आयु वर्ग के है जो सप्ताह में एक बार अपनी मां के साथ आते है।

कुपोषण से मौत पर किया इंकार
यहां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और महिला बाल विकास अधिकारी उपासना राय ने मंत्री के समक्ष साफ तौर पर किसी भी बच्चे की मौत कुपोषण से होने पर इंकार किया और कहा कि इस केन्द्र में गत एक वर्ष की अवधि में किसी भी कुपोषित बच्चे की मृत्यु नहीं हुई है। वर्तमान में दो बच्चे प्रियंका और तमन्ना कम वजन के रूप में चिन्हित है जिनकी विशेष देखरेख की जा रही है। मंत्री ने बच्चों की उपस्थिति पंजी, ग्रोथ चार्ट व प्रदाय किय जा रहे पोषण आहार का अवलोकन भी किया। उन्होंने निर्देश दिए कि बच्चों की उपस्थिति को बढ़ाया जावे इसके लिए अभिभावकों से चर्चा की जावें।

स्व सहायता समूह का रोका भुगतान
इसके बाद उन्होंने बैराड़ में संचालित डे-केयर सेंटर का अवलोकन भी किया। डे-केयर सेटर प्रात: 10 से अपरान्ह 4 बजे तक संचालित किए जा रहे है जिसमें बच्चों को चार बार अलग-अलग भोजन प्रदाय किया जाता है। इसके केन्द्र पर 22 बच्चे दर्ज है जिनमें से 16 बच्चे आज उपस्थित हुए इन बच्चों को द्वितीय भोजन के रूप में खिचड़ी का वितरण स्वसहायता समूह के माध्यम से किया जा रहा है, लेकिन खिचड़ी की गुणवत्ता पर मंत्री द्वारा नाराजगी व्यक्त की इस पर स्वसहायता समूह का भुगतान रोकने के निर्देश कलेक्टर ने दिए है।