महिला पुलिस थाने के बिना असुरक्षित महिलाऐं!

राजू (ग्वाल) यादव/शिवपुरी। कहते है कि स्त्री देवी का अवतार होती है लेकिन इसी स्त्री(महिला) की अस्मत लूटने व छेड़छाड़ करने वालों की भी इस दुनिया में कोई कमी नहीं है यही कारण है कि आज शहर ही नहीं बल्कि प्रदेश और देश भर में कई ऐसे बड़े-बड़े मामले सामने आए जिसमें महिला की अस्मत के साथ खेला गया और जब उसने आवाज उठाई तो अच्छे-अच्छों की बोलती बंद कर दी,
लेकिन शिवपुरी जिले ही नहीं बल्कि हम संभाग ग्वालियर की बात करें तो यहां महिला इसलिए अपनी जुबान नहीं खोल पा रही क्योंकि उन्हें महिला पुलिस थाने की जानकारी ही नहीं आखिर हो भी क्यों ना, क्योंकि पूरे संभाग में केवल ग्वालियर ही ऐसा क्षेत्र है जहां महिला थाना है शेष संभाग के अन्य क्षेत्रों में महिला थाना की कमी खल रही है बाबजूद इसके पुलिस प्रशासन भले ही अपना तमगा अपने सिर लगाए लेकिन यहां महिला पर बढ़ते अपराध के लिए पुलिस थाना ना होने से महिला की अस्मत हमेशा असुरक्षित ही रहेगी।

बढ़ रहे शोषण और अत्याचार के मामले

यूं तो प्रदेश में बलात्कार, छेडख़ानी, अश्लील एसएमएस, अश्लील वीडियो फुटेज के कई मामले आए दिन सामने आते रहते है। बताया तो जाता है कि मप्र सरकार में बलात्कार के मामले में प्रदेश को नं.01 का दर्जा दिया गया है ऐसे में पुलिस प्रशासन ने यह कतई नहीं सोचा कि यदि महिलाओं को सुरक्षा देना है तो इसके लिए महिला पुलिस थाने की आवश्यकता हो, भले ही बड़े शहरों में महिला थाना हो लेकिन हम शिवपुरी अंचल की बात करें तो यहां दूर-दूर तक महिला थाना ना होने के कारण आए दिन महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार के मामले बढ़ते ही जा रहे और वह खुलकर अपनी बात पुलिस थाने में नहीं कर पा रही है यही कारण है कि आज की महिलाऐं हर प्रताडऩा सहकर भी चुप रहने को मजबूर है।

महिला प्रकोष्ठ प्रभारी जरूर है तैनात

अभी कुछ समय पहले जब पुलिस अधीक्षक डॉ.महेन्द्र सिंह सिकरवार के मार्गदर्शन में महिला प्रकोष्ठ प्रभारी आराधना डेविस को बनाया तो काफी हद तक युवतियों व महिलाओं ने अपने आप को सुरक्षित माना था लेकिन क्या शिवपुरी में एक महिला के होने से सभी महिलाऐं और युवतियां सुरक्षित रहेंगी, यह महज विड बना ही होगी कि एक महिला के भरोसे पूरे शहर की महिलाओं की सुरक्षा का जि मा हो, इसके लिए पुलिस अधीक्षक को चाहिए कि वह जिले भर में कम से एक महिला थाना तो स्थापित करें। बताना होगा कि महिलाओं के आपसी व्यवहारिक दृष्टिकोण के कारण अक्सर पुरूषों की मौजूदगी वाले पुलिस थाने में महिलाऐं भी जाने से परहेज करती है क्योंकि कई मामलों में देखने में आया है कि महिला जहां अपनी आपबीती सुनाती है तो वहीं दूसरी ओर उसी का शोषण होने लगता है।

सार्थक पहल की आवश्यकता

ऐसे में महिला की सुरक्षा का एक बड़ा सवाल अब शिवपुरी में भी गहराने लगा है। ऐसे में महिलाओं पर होने वाले अत्याचार व उनके शोषण को रोकने के लिए सार्थक कदम के पहल की आवश्यकता है इसके लिए जहां महिला पुलिस थाने की स त आवश्यकता है तो वहीं महिलाओं की सुरक्षा के लिए पर्याप्त महिला पुलिस बल भी चाहिए होगा। ऐसे में पुलिस प्रशासन को अब आगे कदम उठाने कीआवश्यकता है कि वह इस मामले को लेकर अपने वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा करें और वहां महिला पुलिस थाने की स्थापना हो ऐसे कार्य किये जावे।

यशोधरा को करनी होगी पहल

अंचल की विधायक और वाणिज्य उद्योग, खेल, पर्यटन मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया को इस मामले में नई पहल करना चाहिए और उन्हें अपने स्तर से शिवपुरी जिले में महिला पुलिस थाना बुलवाने के कार्य करना होंगे तो शायद यहां महिला पुलिस थाना स्थापित हो जाए इससे उन महिलाओं का भला होगा जो कई प्रकार की परेशानियों से निजात पाने के लिए महिला पुलिस का सहयोग पाकर अपनी समस्याओं का समाधान पा सकेंगी। वहीं दूसरी ओर नगर की प्रथम महिला भी महिला के रूप में श्रीमती रिशिका अष्ठाना है ऐसे में सभी को अपने स्तर से इस तरह की आवश्यकता को महसूस करते हुए इस नई पहल का स्वागत कर महिला पुलिस थाना स्थापित करने के कार्य करने चाहिए तो काफी हद तक महिलाओं की सुरक्षा ही महिलाओं के द्वारा हो जाएगी। अब देखना होगा कि इस मामले में यशोधरा क्या प्रभावी कदम उठाती है।

इनका कहना है-
महिला थाना खोले जाने की जहां तक बात है यह शासन-प्रशासन के द्वारा होता है कि कहां महिला थाना खोला जाना चाहिए और कहां नहीं, हां शिवपुरी में जरूर महिला थाने की आवश्यकता है और इसके लिए हम समय-समय पर पत्र व्यवहार भी करते रहते है।
डॉ.महेन्द्र सिंह सिकरवार
पुलिस अधीक्षक, शिवपुरी