पिछोर। सिरसौद खोड़ मार्ग पर निमार्णाधीन महुअर नदी परियोजना अन्तर्गत नावली डैम की नहर में गत रात बिना सूचना लाखो गैलन पानी छोडा गया जिससे नहर निमार्ण गुणवत्ताहीन तथा पानी ओवर फलो होने के कारण नहर फूट पडी जबकि सिचाई हेतु किसानो को दिये जाने पानी ने फसलो की सिचाई तो नही की लेकिन गरीब किसानो के खेतो को तबाह जरूर कर दिया।
नावली डैम से बडोरा गाँव तक के ई सी कं पनी द्वारा लगभग 12 किलोमीटर ल बी नहर पर कहीं कही फिलिंग और कहीं कटिंग बर्क का कार्य चल रहा हैं अचानक छोडे गये पानी से किसानो की गेंहू,चने की खड़ी फसल ही नही बही बल्कि खेत भी खाई बन गये।
पीडि़त किसानो देवीलाल, शिवदयाल, दशरथ सिंह, बारे लाल लोधी ,अतर सिह ,रामदीन लोधी, मेहरवान, ध्रीनीराम , राजाराम, पहलवान सिह आदि किसानो का बडा नुकसान हुआ कई किसानो की 2 बीधा तो कई किसानों की 6 से 8 बीघा तक फसल बही। का आरोप हैं कि जब नहर पूरी नही बनी तथा आगे पूरी खोदी ही नही गई और पानी छोड दिया बहीं कं पनी के साइड इंजीनियर के अनुसार किसानो को पानी देने हेतु सिचाई विभाग से आदेश था तो मंगलवार दोपहर 2 बजे से पानी छोडा गया और रात औवर फलो हो जाने से दुल्हई ग्राम के पास पानी नहर तोड बह निकला दुल्हई , रैपुरा गाँव के किसानो ने बताया कि नहर का निमार्ण कार्य धटिया होने के कारण सीमिंट कार्य वाली नहर भी टूटी हैं नहर का पानी इतना अधिक व तीव्र गति से निकला कि उसके बहाव में लगभग 20से 30 किसानोकी 200 बीधा जमीन की फसल बह गयी इस तबाही के लिये सिचाई विभाग कंपनी को और कंपनी सिचाई विभाग को जिम्मेदार ठहराने में लग गये-दूसरे दिन सुबह 12 बजे तक नहर तोडकर पानी खेतों में बहता रहा और सिंचाई विभाग तथा के ई सी कं पनी या प्रसाशनिक अधिकारी देखने नही न ही नहर के ताबडतोड पानी को बंद करने के कोई प्रयास ही करता हुआ दिखाई दिये।
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