रामकिशन जी की स्मृति में सिंहल सेवा सम्मान समारोह संपन्न

शिवपुरी। किसी भी व्यक्ति, समाज और धर्म से ऊपर और प्रतिष्ठित स्थान राष्ट्र का होता है। राष्ट्र के सम्मान और प्रगति की रक्षा में अपना सर्वस्व न्यौछावर करना प्रत्येक देशवासी का पुनीत कर्तव्य है। यही कारण है कि भारत को स्वंतत्र कराने में लाखों लोगों ने सुख सुविधायें त्यागकर अपना योगदान दिया।
स्वाधीनता संग्राम सेनानी रामकिशन सिंघल भी ऐसे ही व्यक्ति थे। स्वाधीनता के पश्चात उन्होंने सिद्धांतों पर आधारित सादगीपूर्ण जीवन जिया, उक्त उद्गार श्रीरामकिशन सिंहल फाउण्डेशन द्वारा आयोजित सिंहल सेवा सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि की आसंदी से बोलते हुए मध्यांचल ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक एस सी गुप्ता ने प्रकट किये। श्री गुप्ता ने आयोजकों की प्रशंसा करते हुए स्व. रामकिशन सिंहल की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम को स्तुत्य बताया।

स्थानीय दुर्गामठ में आयोजित इस कार्यक्रम में, आरंभ में सुधीर बाबू पाण्डेय ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। कार्यक्रम में साहित्यकार डॉ. नाथूराम शर्मा पदमेश, आदर्श शिक्षक एमएस चौबे, अभिभाषक केबी लाल, यूसुफ अहम कुर्रेशी तथा चिकित्सक डॉ. डीके बंसल का उनके कार्यक्षेत्र में अविस्मरणीय योगदान के लिए शॉल, श्रीफल तथा प्रशस्ति पत्र से सम्मान किया गया। सभागार में देर रात तक गूंजने वाली करतल ध्वनि दर्शकों के हृदय में उनके लिए गहरे सम्मान का परिचायक थी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रख्यात साहित्यकार तथा समालोचक डॉ. परशुराम शुक्ल विरही ने स्व. सिंहल के जीवन के कुछ प्रसंगों का उल्लेखन करते हुए हुए, सम्मानित होने वाले गणमान्य नागरिकों को बधाई दी तथा उनके सुखद जीवन की कामना की। विशिष्ट अतिथि ख्यातिनाम नवगीतकार प्रो. विद्यानंदन राजीव ने डॉ. महेन्द्र अग्रवाल की इस प्रकार के आयोजन को निरंतर करते रहने तथा उसमें नवीनतायें समाविष्ठ करने हेतु प्रशंसा की तथा विश्वास जताया कि भविष्य में यह कार्यक्रम नई ऊंचाईयों को स्पर्श करेगा। कार्यक्रम में अखलाक खान, जितेन्द्र गौड़, प्रकाश चन्द्रसेठ, आशीष पटौरिया, रफीक खान, प्रदीप अवस्थी, शिखर जैन आदि ने कार्यक्रम में विशेष रूप से सहयोग किया। संस्था की ओर से अखलाक खान ने स्वागत भाषण दिया तथा आभार प्रदर्शन संस्था अध्यक्ष अशोक मित्तल ने व्यक्त किया। संचालक दिनेश वशिष्ठ ने किया।

अनूठा है 'व्यंग्य का ककहरा: डॉ. लखनलाल खरे

स्व. रामकिशन सिंहल सेवा सम्मान समारोह में नई गजल के सशक्त हस्ताक्षर डॉ. महेन्द्र अग्रवाल की 11वीं पुस्तक 'व्यंग्य का ककहराÓ का लोकार्पण मुख्य अतिथि एस.सी. गुप्ता, अध्यक्ष डॉ. परशुराम शुक्ल विरही, विशिष्ट अतिथि द्वय प्रो. विद्यानंदन राजीव एवं डॉ. लखनलाल खरे द्वारा किया गया। इस अवसर पर पुस्तक पर बोलते हुए डॉ. खरे ने व्यंग्य संसार में इस पुस्तक को अनूठा प्रयोग बताया। उन्होंने अनेक व्यंग्यकारों का उल्लेखन करते हुए ककहरे के वर्णों पर आधारित शब्दों को इस्तेमाल करते हुए सशक्त व्यंग्य रचना करने को अभूतपूर्व प्रयास निरूपित किया। उन्होंने डॉ. महेन्द्र अग्रवाल को गद्य लेखन और वह भी व्यंग्य विद्या में लेखन हेतु साधुवाद दिया।

मध्यरात्रि पश्चात तक बही भक्ति रस धार

रामकिशन सिंहल सेवा सम्मान समारोह के तृतीय चरण में सुविख्यात भजन गायक बृजराज अग्रवाल ने अपने साथियों सहित सुंदर भजनों की प्रस्तुति दी। एक से बढ़कर एक हृदय स्पर्शी भजनों ने श्रोताओं का मन मोह लिया। गहराती सर्दी में भी रात्रि 1 बजे तक निरंतर भजनों पर श्रोतागण झूमते रहे।