हे कलेक्टर महोदय, जरा इस समस्या की ओर भी ध्यान दीजिए

करैरा। सब रजिस्टार कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार व अव्यवस्था लोगों पर भारी पड़ रही है। स्थिति यह है कि यहां पदस्थ अधिकारी महोदय के कार्यालय में आने का निश्चित समय न होने के चलते लोगों को बेहद परेशानी उठानी पड़ती है।

जमीन की रजिस्ट्री के लिए लोगों को सुबह से शाम तक कार्यालय में बैठने को विवश होना पड़ रहा है। अधिकारियों की मनमर्जी के चलते रजिस्ट्री देर रात तक करवाई जाती है, जिस कारण दूर दराज से आए गामीण महिलाओं व पुरूषों को रजिस्ट्री करवाने के लिए देर रात तक कार्यालय में रुकने को बाध्य होना पड़ता है। इस बात को लेकर लोगों में रोष व्याप्त है।

क्षेत्रिय जनता का कहना है कि यदि उक्त कार्यालय में पदस्थ दलालों के द्वारा सम्पूर्ण राशी का 5 प्रतिशत दे दिया जाता है तो जमीन की रजिस्टी तत्काल हो जाती है लेकिन पैसे ना देने पर यहां पदस्थ अधिकारी कर्मचारीयों के द्वारा ऐन-केन प्रकार से कागजो में कमी निकाल कर जमीन के क्रेता विक्रेता को परेशान किया जाता है और सेवा पानी की चढौत्री मिलने पर कोई कमी इनको नजर नही आती और रजिस्ट्री तत्काल हो जाती है।

एैसा नही है कि उक्त अधिकारी कर्मचारीयों के कृत्यों का करैरा के वरिष्ठ अधिकारीयों को पता नही हो लेकिन भ्रष्टाचार में शामिल होने के चलते यह लोग उक्त कार्यालय की कारगुजारीयों को नजर अंदाज किए हुए है। यहां बड़े भूमाफियाओं से सांठ-गांठ के चलते भी उनके काम फोन पर ही रातो रात हो जाते है क्यो ना हो भाई उनसे मौटी रकम जो मिलना है। पैसों का लालच इस कदर इनको को अंधा कर चुका हैं कि उनका बस चले तो वो एसडीएम निवास की रजिस्ट्री पाकिस्तान में बैठे दाऊद इब्राहिम के नाम कर सकते हैं शर्त बस इतनी है कि रिश्वत की रकम उनके मनमाफिक होना चाहिए।

इनके कार्यकाल में हुई रजिस्ट्रियों की यदि जाँच कराई जाए तो इनकी कारगुजारी उजागर होती नजर आयेंगीे। एैसा लगता है मानों इनके मन में पकड़े जाने का भय लैश मात्र नहीं है और शायद वो पूजा करते समय भी भगवान से यही प्रार्थना करते हैं कि अगले जन्म में भी हमे इसी कार्यालय में पदस्थ करना। करैरा के अधिकारीयों से तो इनपर कार्यवाही कराने की सोचना भी बेकार है अब तो जिला कलेक्टर महोदय ही इस ओर ध्यान दे तभी कुछ हो सकेगा।

मकानों की रजिस्टी प्लाट में
करैरा कस्बे में वर्तमान में आसपास से लोग आकर यहां बस रहै है जिसके चलते वह जमीन या मकान ले रहै है लेकिन जमीन की रजिस्टी कराने व कुछ पैसे बचाने के फेर में दलालों की बातों में आकर लालच के चलते कुछ हिस्सा उप पजीयक कार्यालय को चढ़ाकर भवन की रजिस्टी तक प्लाट में दर्शाकर करवा रहै है यदि इसकी जाच हो जाये तो दूध का दूध पानी का पानी होते देर नही लगेगी।

भू-माफियाओं से सांठ-गांठ
प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नही है उप पंजीयक कार्यालय में पदस्थ अधिकारी कर्मचारीयों की यदि काल डिटेल निकलवा ली जाये तो करैरा के बड़े बड़े भू-माफियाओं से इनके संबध स्वयं ही उजागर हो जायेंगे उक्त संबंधों और लेन देन के बूते ही उक्त माफिया अपनी जमीनों की रजिस्टीयों गलत ढंग से कराकर भोले भाले लोगों को चूना तक लगा रहै है कई जगह तो इनके द्वारा सरकारी जमीन तक पर कब्जे करा दिए गए है।

भ्रष्टाचार या शिव का राज
यहां एक ओर हमारे प्रदेश के मुखिया माननीय शिवराज सिह चौहान साहब अपनी प्रदेश की जनता को खुशहाल बनाने के लिए प्रयासरत है वही एैसी भ्रष्ट अफसरशाही उनके मिशन 2018 को पलीता लगाने में कोई कोर कसर नही छोड़ रही है जिसके चलते यहां शिव का राज ना होकर भ्रष्टाचार का राज ज्यादा नजर आ रहा है।

कलेक्टर महोदय से की कार्यवाही की मांग
करैरा कस्बे के जागरूक नागरिको ने जिला कलेक्टर महोदय से एैसे भ्रष्ट लोगो पर कार्यवाही करने की मांग की है क्योकी करैरा में कई बार शिकायत सामने आने पर भी इन लोगो पर कार्यवाही नही हो सकी है।