बुद्धि की जड़ता को कम करता है सत्संग : महाराज परमानन्द गिरि जी

शिवपुरी-मानव मस्तिष्क में जमने वाले कई विकारों को यदि कम नहीं किया जा सकता तो उन विकारों को दूर तो किया जा सकता है इसीलिए यह बुद्धि मानव को मिली है इस बुद्धि की जड़ता को कम करने का काम करता है सत्संग जिसमें मिलने वाला पुण्य लाभ जीवन को नित नई ऊर्जा से परिपूर्ण करता है, ध्यान, साधना, सत्संग इन्हें नियमित रूप से जीवन में उतारें तो कभी विकार और निनिष्ट विचारों से यह मानव शरीर दूर रहेगा इसलिए आचरण में सत्संग को उतारे, शिवपुरी में तीन दिवसीय भक्ति वेदान्त सम्मेलन का उद्देश्य भी यही है कि  इस संसारी प्राणी को भक्ति के मार्ग प्रशस्त करें।
यह विचार व्यक्त कि परम पूज्य महामण्डलेश्वर अनन्त श्री विभूषित युगपुरूष स्वामी परमानन्दगिरि जी महाराज ने जो स्थानीय संत आश्रम(सत्यम स्टोन फैक्ट्री) पर पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। इसके बाद महाराजश्री कार्यक्रम स्थल विष्णु मंदिर पहुंचे जहां अन्य प्रख्यात साधु-साध्वियों व धर्मपे्रमीजनों के बीच भक्ति वेदान्त सम्मेलन का भव्य शुभारंभ किया। 

मूलत: उत्तरप्रदेश में के फतेहपुर जिले में जन्मे महामण्डेलश्वर परमानन्द गिरिजी महाराज ने वेदान्त सम्मेलन के दौरान धर्मप्रेमीजनों के बीच कहा कि आज मनुष्य सर्वाधिक रूप से अपने कर्मों से परेशान है क्योंकि पहले साधु के दर्शन से ही मनुष्य को पुण्य लाभ मिल जाता था लेकिन आज बड़े-बड़े आयोजन करने से भी यह पुण्य लाभ नहीं मिल पात, कारण यह है कि मन के मैल को दूर नहीं किया तो साधु संतों के आचरण से लाभ कैसे मिलेगा। महामण्डलेशवर परमान्न्दगिरिजी ने कहा कि आज बच्चों में संस्कारित शिक्षा का अभाव है क्योंकि माता-पिता की व्यवस्तता और बच्चे का मानसिक विकास बढ़ नहीं पाता, वे आज टी.व्ही., मोबाईल, इंटरनेट की ओर झुके हुए है इसलिए बच्चों में जन्म से इस प्रभाव की कमी को देखा जा सकता है। मीडिया के अधिक प्रचार-प्रसार के कारण आज कोई भी अपराधी दोष सिद्ध से पूर्व ही दोषी करार हो जाता है और तमाम तरह की चर्चाऐं होती है इसलिए धैर्य रखें और आरोप सिद्ध होने पर दोषी के आचरण को सामने लाए। महाराजश्री ने कहा कि पापों को घटाने के लिए बुराईयों से दूर रहे तो अच्छाईयों का समावेश हो सकेगा, आज मनुष्य व्यवाहारिक आदर्श रखता है उसमें अपनत्व की कमी है क्योंकि वह वैभव की ओर बढ़़ गया है इसलिए धर्म पुण्य के आयोजन करते और उसमें सहभागी बने रहना चाहिए। महाराजश्री ने अशोकनगर जिले की चंदेरी तहसील में जैन मुनि के काफिले पर हुए हमले की भी कड़े शब्दों में निंदा की और जैन मुनि को त्यागी बताया जिनके त्याग से प्रेरणा मिलती है। विष्णु मंदिर पर आयोजित भक्ति वेदान्त सम्मेलन में महाराजश्री के सानिध्य में प्रवचनकर्ताओं में साध्वी चैतन्य सिन्धुजी, स्वामी ज्योतिर्मयानन्द जी महाराज एवं स्वामी बोधानन्द जी महाराज का पावन सानिध्य नगरवासियों को मिला है जिनके मुखारबिन्द से भक्ति की अविरल धारा आयोजन स्थल पर तीन दिनों तक बहेगी। आज सैकड़ों की संख्या में भक्तगण व महाराजश्री के अनुयायी कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे जहां पूजा-अर्चना उपरांत आर्शीवाद ग्रहण किया। आयोजक समिति शिवपुरी की ओर से सभी धर्मप्रेमीजनों से प्रतिदिन दोप.3 बजे से 6 बजे तक भक्ति वेदान्त सम्मेलन में आर्शीवचनों की वर्षा का पुण्य लाभ अर्जित करने के लिए कार्यक्रम स्थल विष्णु मंदिर पर सपरिवार पहुंचने का आग्रह किया है। 

विदेशों में भी होते है महारजश्री के प्रवचन
ऐसा नहीं है कि महामण्डलेश्वर परमानन्दगिरि जी महाराज का पावन सानिध्य भारतवासियों को ही मिलता है, भारत देश के अलावा महाराजश्री  लगभग 15 बार अमेरिका, अनेकों बार रूस, पेरिस, न्यूजीलैण्ड व साउथ अमेरिका भी धर्मप्रेमीजनो के आग्रह पर आर्शीवचन देने पहुंचे और यहां उनका खूब आदर सत्कार हुआ। कई देशों में तो लगातार महाराजश्री को आमंत्रित किया गया किन्तु समयाभाव या स्वास्थ्य खराबी के चलते कई बार उनके दौरे तक निरस्त करने पड़े। महाराजश्री के आर्शीवचनों की वर्षा चहुंओर गुंजायमान है।