सिंधिया के खिलाफ लोकसभा लड़ेंगी उमा भारती!

शिवपुरी। प्रदेश में लगातार तीसरी बार भाजपा की सरकार बनने से भाजपा उत्साहित है और उसने अब नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने हेतु लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। कांग्रेस के अभेद गढ़ गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र को भेदने के लिए भाजपा ने स्थानीय सांसद और केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की घेराबंदी के प्रयास तेज कर दिए हैं।
सूत्रों के अनुसार भाजपा गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से पूर्व मुख्यमंत्री साध्वी उमा भारती को मैदान में उतारने पर गंभीरता से विचार कर रही है। हालांकि गुना में सिंधिया से मुकाबला करने के लिए पूर्व डीआईजी हरिसिंह यादव भी आतुर हैं, लेकिन सिंधिया की गंभीर चुनौती को ध्वस्त करने के लिए भाजपा उमा भारती पर दाव लगाने की तैयारी कर रही है।

सूत्र बताते हैं कि साध्वी उमा भारती भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेताओं की आंखों की किरकिरी बनी हुई हैं। इस कारण पार्टी का प्रभावशाली वर्ग एक तीर से दो शिकार करने की फिराक में है। भाजपा ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी अपने खिलाफ एक मजबूत चुनौती के रूप में देखती है। इस कारण मुकाबला यदि ज्योतिरादित्य सिंधिया और उमा भारती का हो तो जीत चाहे उमा भारती की हो या ज्योतिरादित्य सिंधिया की दोनों हाथों में लड्डू हैं। शिवपुरी जिले में उमा भारती का एक मजबूत जनाधार है। इलाके में एक लाख से अधिक लोधी मतदाता हैं। सर्वाधिक लोधी मतदाता पिछोर विधानसभा क्षेत्र में हैं। जहां इनकी संख्या 50 हजार से अधिक है। शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र में भी लोधी मतदाताओं की संख्या 15 हजार से अधिक है। इसके अलावा कोलारस विधानसभा क्षेत्र में भी लोधी मतदाता हैं। इस वर्ग में उमा भारती का जबर्दस्त जनाधार है और उनके ईशारों पर लोधी मतदाता मतदान करता रहा है।

शिवपुरी जिले में पार्टी संगठन में भी उमा भारती का एक अपना मजबूत प्रभाव है। पूर्व विधायक नरेन्द्र बिरथरे उनके खासमखास हैं तथा उमा भारती के अनुयायियों में पूर्व विधायक देवेन्द्र जैन और ओमप्रकाश खटीक भी शामिल हैं। पूर्व विधायक गणेश गौतम जो हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए हैं। उनका भी उमा भारती से अच्छा समन्वय है और उनके पाला बदल की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता। उमा भारती के अनुयायियों में अधिकतर महल विरोधी हैं जो विधानसभा चुनाव में यशोधरा राजे को घेरने की रणनीति में असफल हो चुके हैं और अब वह ज्योतिरादित्य सिंधिया को निशाना बनाकर महल की घेराबंदी का नए सिरे से फिर से प्रयास कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव में भी उमा भारती ने सिंधिया के प्रभाव क्षेत्र शिवपुरी, पिछोर और कोलारस में कई सभाओं को संबोधित किया था। 

सत्र तो यहां तक बताते हैं कि कांग्रेस में कई महल विरोधी और इस चुनाव में ज्योतिरादित्य से खफा कांग्रेसी उमा भारती के संपर्क में हैं। इस तरह से भाजपा के अलावा उमा भारती का भी संसदीय क्षेत्र में अपना एक व्यापक नेटवर्क है। जिसका फायदा उन्हें मिलेगा। सूत्र बताते हैं कि इस प्रस्ताव पर उमा भारती भी गंभीरता से विचार कर रही हैं, क्योंकि भाजपा में फिलहाल वह हासिए पर हैं और उनकी ज्यादा पूंछपरख नहीं है, लेकिन गुना में कांग्रेस के गढ़ को भेदकर वह भाजपा में नए सिरे से अपना एक महत्वपूर्ण स्थान बना सकती हैं और केन्द्र में भाजपा सरकार बनने पर उन्हें कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है।