क्यो बेबस नजर आये कलेक्टर इन कलयुगी भगवानो के आगे

ललित मुद्गल/शिवपुरी।  कलेक्टर ने जब अस्पताल का औचक निरीक्षण किया तो उन्हें बड़ी खामियां नजर आईं। वार्डो में गंदगी, आईसीयू वार्ड में आईसीयू जैसा कुछ नही दिखा,हद तो जब और हो गई मरिजो ने कहा कि साहब अस्पताल में गद्दे नही है किराये से लेकर आये है। कलेक्टर शिवपुरी आर के जैन ने ये सब देखा और सुना होगा तो स्वयं ने ही अपनी कलेक्टरी पर सवाल खडे कर लिये होगें।

क्या देखने को मिला कलेक्टर को एक जनरल वार्ड में

एक जनरल वार्ड में कलेक्टर भ्रमण करते हुए पहुंचे, इस बीच विकलांग हरभजन कोली ने कलेक्टर को बताया कि मेरी पत्नी को सुविधा नहीं मिल पा रही है। तभी आरएमओ डॉ. शर्मा ने विकलांग की गोद में बच्चा देखकर कहा कि मुझे तो तेरा बच्चा भी विकलांग दिख रहा है। हद तो तब हो गई जब डॉ. शर्मा ने उसकी विकलांगता पर कमेंट करते हुए कहा कि तू अपना ऑपरेशन करवा ले, नहीं तो तेरे बच्चे भी विकलांग ही पैदा होंगे। पर कुछ नही कहा  कलेक्टर ने.

प्रसूति और डेंगू वार्ड में क्या दिखा कलेक्टर को जब प्रसूति वार्ड में कलेक्टर आर के जैन भ्रमण के दौरान पहुचें तो वहा गंदगी ही गंदगी नजर आई, डेंगू वार्ड में अंधेरा नजर आया,पर्याप्त रोशनी नही थी इस वार्ड में। यहॉ कलेक्टर ने सिविल सर्जन से नाराजगी जाहिर की।

कैसा लगा कलेक्टर को आईसीयू वार्ड

जिला अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती मरीज पलंग पर थे, लेकिन उनके आसपास कोई भी आधुनिक स्वास्थ्य सुविधा मौजूद नहीं थी। मरीजों के पलंग पर कुछ गद्दे ऐसे बिछे थे, जिन्हें मरीज घर से लाए थे। पूछने पर मरीजों के परिजन बोले कि अस्पताल में गद्दे नहीं थे, इसलिए हम बाहर से किराए पर लेकर आए हैं।

यहॉ पर कहा कलेक्टर ने इन, कलयुगी भगवानो से

जब यहां मरीज को कोई विशेष सुविधा मिल ही नहीं रही तो फिर जनरल वार्ड कौन सा बुरा है। मरीजों को वहीं भर्ती करवा दो। यदि इस बीच मरीज की हालत बिगड़ जाए या उसे कोई इमरजेंसी सेवा की जरूरत हो तो उसे कैसे मिल पाएगी।

और अंत में कलेक्टर शिवपुरी के लिए भी दो शब्द

जब कलेक्टर शिवपुरी अचानक अस्पताल में पहुचें तो कुछ डॉक्टर अस्पताल के बाहर धूप सैक रहे थे। कलेक्टर को इन कलियुगी भगवानो के वर्किग लोक में तमाम अवस्थाये नजर आई, आईसीयू वार्ड और समान्य वार्ड में कोई अंतर नही दिखा। प्रसूति वार्ड में चारो ओर गंदगी ही गंदगी ही दिखी।

कलेक्टर आर के जैन के समक्ष ही एक विकलांग पर कमेंट एक डाक्टर ने कर दिया। कलेक्टर को इस भ्रमण के दौरान कही कुछ भी संतोषजनक नही दिखा, कलेक्टर ने नाराजगी प्रकट की और हिदायते  देते दिखे

इस पूरे प्रकरण को देख शिवपुरी सामाचार डॉट कॉम के मन में कई सवालो का जन्म होता है क्या एक जिलादंड अधिकारी के पावर बैंक में सिर्फ नाराजगी प्रकट करने की पॉवर है..? क्या अवस्थाओ को देखकर हिदायते देने का रिवाज है, एक विकलांग पर जिलादंड अधिकारी के समक्ष ही कंमेट कर देना और जिलादंड अधिकारी का यह सब सुनकर शांत रहने का धर्म है क्यो नही कलेक्टर किसी भी डॉक्टर को सजा दे कर आये.....?
 आखिर क्यो कलेक्टर इन कलयुगी भगवानो के आगे वेबस नजर आये.......... यह सवाल तो सबके मन में है