यादगार बनाया 11-12-13 का दिन, कई कार्यक्रम हुए

शिवपुरी। लगभग 823 साल दिन बाद आने वाला दिन 11-12-13 को आज यादगार दिन बनाने के लिए आज शहर में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दिन को सहेजने के लिए हरेक व्यक्ति कुछ खास कर सहेजना चाह रहा था और इसके लिए व्यापक तैयारियां भी की गई थी।
इस दिन को विश्ेाष बनाने के लिए कई गिफ्ट गैलरी भी ग्रिटिंग कार्ड, फ्रेम, आकर्षक वैलून सहित अन्य सामग्रियों के साथ सजी-सजाई नजर आई तो वहीं दूसरी ओर रेस्टोरेंट और होटल में भी अपने आगन्तुकों के लिए विशेष तैयारी व सजावट कर की गई थी जहां कई लोगों ने सपरिवार आनंद लिया। आज का दिन ओशो प्रेमियों के बहुत महत्वपूर्ण रहा जहां उन्होंने ओशो के जन्मोत्सव को 11-12-13 के रूप में सहेजा। 

आज के दिन को को ना केवल शहर में दुकानदार, व्यापारी या अन्य लोगों ने कई कार्यक्रम आयोजित किए बल्कि ऐसे ही कई आयोजन शहर व पिकनिक स्पॉट और टूरिस्ट विलेज व सैलिंग क्लब पर हुए जहां पार्टीयां मनाई गई और गीत-संगीत के साथ कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए गए। यहां बताना होगा कि 08बजकर:09मिनिट:10 सेकेण्ड और 11 तारीख दिसम्बर माह 12वां, सन् 2013 को नीयत कर मनाया गया। जहां कई जगह केक सजाकर व काटकर यादगार दिन बनाया गया।

यूं तो ज्योतिषानुसार बताया गया है कि 11-12-13 के दिन को होने वाले मांगलिक व अन्य आयोजनों का भी महत्व है और खासतौर से विवाह के शुभ मुहूर्त भी दिन शुभ माना गया है। बताया गया है कि कई युवक-युवतियों ने तो खासतौर से इस दिन को विवाह के रूप में सहेजने के लिए अपने विवाह मुहुर्त तैयार कराए और शादियां भी की। हालांकि इस दिन को पूर्ण तन्मयता और अन्य आयोजन कर सपरिवार, समाज और घर-परिवार के साथ इस दिन को मनाने की तैयारियां की गई थी। 

आज ओशो प्रेमियो के लिए एक बड़ा दिन रहां क्योंकि आज ओशो जन्मोत्सव था ऐसे में ओशो प्रेमियों ने भी इस दिन के लिए व्यापक व्यवस्थाऐं की और सायंकाल से लेकर देर रात्रि तक वीर सावरकर पार्क में 11-12-13 के अनुरूप ओशो ध्यान-साधनाऐं व नृत्य क्रियाऐं कर ओशो के जन्मदिन को मनाया गया।ओशो स्वामी स्वामी प्रेमकृष्ण( राजेन्द्र जैन), स्वामी निखिल आनन्द(गोपाल जी स्वरसंगम), स्वामी ध्यान निर्दोष(रविन्द्र गोयल), स्वामी चिदानंद(सुधीर सिंघल) आदि सहित अनेकों ओशो प्रेमीयों ने इस दिन को सहेजकर रखा इसके साथ ही कई मंदिरों पर जहां धार्मिक आयोजन हुए तो वहीं दूसरी ओर कई जगह सांस्कृतिक व रचनात्मक कार्यों का भी आनंद लिया गया।