आखिरकार चली सिंधिया, दूर किया राहुल गांधी की गाईड लाईन को

शिवपुरी। जैसा की अंदेशा लगाया जा रहा था कि ग्वालिर चंबल संभाग में केन्द्रीय मंत्री व चुनाव अभियान समिति के प्रमुख ज्योतिरादित्य सिंधिया की ही चलेगी और वह अपने चहेतों को टिकिट भी दिलवा लेंगे, यह बात उस समय सच साबित हुई जब कांग्रेस पार्टी ने अपनी 115 प्रत्याशियों की घोषणा की जिसमें श्री सिंधिया की ओर से ग्वालियर संभाग के लगभग 20 प्रत्याशी सिंधिया समर्थित है ऐसे में यहां राहुल गांधी की गाईड लाईन का असर बिल्कुल भी नहीं दिखा और अपने मन से प्रत्याशियों का चयन किया गया।
संभव है कि आने वाले चुनावों में इसके विपरीत परिणाम देखने को मिले लेकिन अभी तो टिकिटों में भी घमासान होना तय है इसके लिए सब दूर चर्चाऐं सुनाई दे रही है। शिवपुरी विधानसभा को छोड़ अन्य सीटों पर प्रत्याशी घोषित हो चुके है अब देखना होगा कि क्या सिंधिया यहां वीरेन्द्र को चुनाव लड़ाऐंगें या कोई और प्रत्याशी सामने आएगा।

शिवपुरी जिले की पांच विधानसभा सीटों में से कांग्रेस ने जिन चार क्षेत्रों से प्रत्याशी चयन किये हैं। उनमें पार्टी की गाईड लाइन को अनदेखा कर सिर्फ जीतने योग्य प्रत्याशी को टिकट दिए जाने की बात को ध्यान में रखा है। चार प्रत्याशियों में से एक विधायक, एक पूर्व विधायक और एक महिला को उम्मीदवार बनाया गया है। वहीं अन्य दलों से पिछले चुनाव के बाद कांग्रेस में आने वाले दो उम्मीदवारों को भी टिकट दिया गया है। सूची देखने से स्पष्ट है कि चारों विधानसभा क्षेत्रों में केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की चली है और तीन विधानसभा क्षेत्रों में उनके समर्थकों को ही टिकट मिले हैं।  अकेले पिछोर से विधायक केपी सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है जो कांग्रेस की गुटबाजी में दिग्गी समर्थक हैं। कांग्रेस ने सिर्फ शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र से अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। शिवपुरी से भाजपा ने यशोधरा राजे सिंधिया को उम्मीदवार बनाया है।

पिछोर से टिकट प्राप्त करने वाले केपी सिंह न केवल वर्तमान विधायक हैं, बल्कि पिछले चार विधानसभा चुनावों से वह लगातार भारी मतों से विजयश्री हासिल कर रहे हैं। कम से कम पिछोर विधानसभा क्षेत्र में शुरू से ही कांग्रेस टिकट के लिए कोई विवाद नहीं रहा। कांग्रेस ने कोलारस से रामसिंह यादव को उम्मीदवार बनाया है। रामसिंह यादव पूर्व जिपं अध्यक्ष और जिला कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। पिछले चुनाव में श्री यादव महज 238 मतों से पराजित हुए थे और पार्टी गाईड लाइन के अनुसार वह टिकट के लिए पूरी तरह से पात्र हैं। इस कारण उनके टिकट पर शुरू से ही कोई शंका नहीं थी और केन्द्रीय चुनाव समिति ने स्क्रीनिंग कमेटी की अनुशंसा पर मोहर लगाने में कोई दिक्कत खड़ी नहीं की। 

श्री यादव कट्टर सिंधिया समर्थक माने जाते हैं और एक बार वह राजमाता विजयाराजे सिंधिया के खिलाफ चुनाव लडऩे से भी कांग्रेस को मना कर चुके हैं। कांग्रेस ने करैरा और पोहरी से अन्य दलों से आए प्रत्याशियों को उम्मीदवार बनाया है। पोहरी में कांग्रेस ने पूर्व विधायक हरिवल्लभ शुक्ला को टिकट दिया है। श्री शुक्ला पिछले चुनाव में बसपा टिकट से पोहरी से खड़े हुए थे और वह भाजपा प्रत्याशी प्रहलाद भारती से लगभग 19 हजार मतों से पराजित हुए थे। उक्त चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी तीसरे स्थान पर खिसक गए थे और उन्हें जमानत से हाथ धोना पड़ा था।

 श्री शुक्ला सन् 80 में कांग्रेस से और 2003 में समानता दल से पोहरी से विधायक रह चुके हैं। उनके टिकट पर कांग्रेस में जबरदस्त विरोध हुआ और पार्टी गाईड लाइन भी उनकी टिकट प्राप्ति में बाधक बन रही थी, लेकिन भाजपा की ओर से प्रहलाद भारती की उम्मीदवारी की घोषणा के बाद ब्राह्मण उम्मीदवार के रूप में उनकी उम्मीदवारी की संभावना बढ़ गई थी। कांग्रेस सूत्र बताते हैं कि पार्टी के पास उनसे मजबूत कोई ब्राह्मण प्रत्याशी नहीं था। इस कारण पार्टी गाईड लाइन को किनारे रखकर उन्हें टिकट देने का फैसला किया गया। हालांकि सूत्र यह भी बताते हैं कि उनकी उम्मीदवारी से पोहरी कांग्रेस में बबाल आने की आशंका है और इस बात के संकेत भी मिले हैं। कांग्रेस ने करैरा से शकुंतला खटीक को टिकट दिया है। 

शकुंतला खटीक जिपं सदस्य हैं और पिछले चुनाव में जनशक्ति पार्टी से करैरा से खड़ी हुई थीं। उन्होंने चुनाव में तीसरा स्थान प्राप्त किया था और कांग्रेस उम्मीदवार चौथे स्थान पर खिसक गया था। अन्य दल से आने के कारण उनकी उम्मीदवारी पर भी जबरदस्त विरोध था। पोहरी से कांग्रेस टिकट मांग रहे सभी दावेदारों ने एकजुट होकर उनके स्थान पर किसी को भी उम्मीदवार बनाने की मांग की। करैरा में पैनल में शकुंतला खटीक और जसवंत जाटव का नाम था। भाजपा ने यहां से ओमप्रकाश खटीक के नाम की घोषणा की थी जबकि बसपा ने पिछले चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे प्रागीलाल जाटव पर भरोसा किया था। भाजपा और बसपा के उम्मीदवारों को देखने के बाद कांग्रेस ने शकुंतला खटीक को उम्मीदवार बनाने का निर्णय लिया।