राजे के निर्णय पर टिकी राजनीति

शिवपुरी। शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र से यशोधरा राजे सिंधिया के चुनाव लडऩे के असमंजस से ठण्डे पड़े भाजपा टिकट के दावेदारों में पुन: सक्रियता का संचार हुआ है। दर्जनभर दावेदारों ने टिकट के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। हालांकि अधिकांश दावेदार यशोधरा राजे सिंधिया की सहमति लेने के प्रयास में हैं।

यशोधरा विरोधी कहे जाने वाले दावेदार भी उनकी एनओसी के लिए प्रयासरत् हैं, लेकिन सभी दावेदार यशोधरा राजे के गुणगान की मुद्रा में हैं और स्वीकार करते हैं कि उनकी सहमति के बिना न तो उन्हें टिकट मिलेगा और न ही वह आसानी से चुनाव जीत पाएंगे।

इस क्षेत्र में भाजपा दावेदारों की संख्या कांग्रेस दावेदारों से कहीं अधिक है। यह बात अलग है कि उम्मीदवार के रूप में यशोधरा राजे सिंधिया का जो कद है। उसके आस पास भी भाजपा टिकट के दावेदार नहीं हैं और इसे सहज रूप से यशोधरा राजे समर्थक और विरोधी सभी समान रूप से स्वीकार करते हैं। शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार के रूप में यशोधरा राजे सिंधिया की उम्मीदवारी सबसे पुख्ता है। उन्हें टिकट दिए जाने में एक प्रतिशत भी शंका नहीं है।

उनकी संभावना के मद्देनजर अन्य सभी दावेदारों ने चुप्पी साध ली थी, लेकिन  चुनाव की तिथि नजदीक आ रही है और यशोधरा राजे सिंधिया के चुनाव लडऩे के बारे में कोई संकेत नहीं मिल रहे। वैसे-वैसे अन्य दावेदारों की सक्रियता भी बढ़ रही है। टिकट के लिए भाजयुमो पूर्व जिलाध्यक्ष धैर्यवर्धन शर्मा व कपिल जैन पत्ते वाले ने अपनी सक्रियता एकाएक बढ़ा दी है।

वहीं युवा नेता धैर्यवर्धन शर्मा टिकट के लिए आश्वस्त हैं। उनका दावा है कि उनकी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी मुलाकात हो चुकी है और यशोधरा राजे सिंधिया से भी उनके रिश्ते अच्छे हैं। विशुद्ध रूप से यशोधरा राजे की इच्छा पर जिन दावेदारों की दावेदारी टिकी हुई है। उनमें आधा दर्जन से अधिक नाम हैं और वे स्वीकार करते हैं कि जब तक यशोधरा राजे उनका नाम नहीं देंगी तब तक उनकी कोई संभावना नहीं है। ऐसे दावेदारों की सूची में राजेश जैन पत्ते वाले, कपिल जैन पत्ते वाले, तेजमल सांखला, मीरा जैन आदि के नाम हैं। इन दावेदारों की सक्रियता भी अब बढऩे लगी है और वे यशोधरा राजे सिंधिया का विश्वास जीतने में लग गए हैं। उक्त सभी दावेदार आर्थिक रूप से मजबूत हैं और इसे भी चुनाव लडऩे के लिए वह अपनी एक बड़ी ताकत मान रहे हैं। यशोधरा समर्थकों में जिला महामंत्री ओमप्रकाश शर्मा गुरू और नपा उपाध्यक्ष भानू दुबे का नाम भी टिकट के दावेदारों में लिया जा रहा है।

उक्त दोनों दावेदारों की पार्टी में भी सक्रियता है और उन्हें भरोसा है कि पार्टी उनके नाम पर नकारात्मक रवैया नहीं अपनाएगी, लेकिन उनका मानना है कि उन्हें टिकट तभी मिल सकता है जब यशोधरा राजे सिंधिया उनके नाम पर सहमत हों। संघ के भरोसे जिन दावेदारों की टिकट की महत्वाकांक्षा प्रज्जवलित हुई है। उनमें प्रदेश कार्य समिति सदस्य राघवेन्द्र गौतम, डॉ. राजेन्द्र गुप्ता, राजू बाथम, मंजुला जैन आदि के नाम लिए जा रहे हैं। इन सभी को भरोसा है कि संघ उनके नाम को बढ़ायेगा। लेकिन ये सभी मानते हैं कि बिना यशोधरा राजे की सहमति के उन्हें टिकट नहीं मिलेगा। इनमें राजू बाथम का नाम अभी उभरा है। 

सभी दावेदारों की सक्रियता नए परिप्रेक्ष्य में बढ़ गई है। इनके अलावा पूर्व विधायक गणेश गौतम और उनकी पत्नी श्रीमती तृप्ती गौतम का नाम भी उभर रहा है। इन्हें यशोधरा राजे सिंधिया के साथ-साथ नरेन्द्र सिंह तोमर का समर्थक भी माना जाता है। भाजपा नगर अध्यक्ष ओमप्रकाश जैन ओमी इन नामों को हवा दे रहे हैं। कुल मिलाकर भाजपा टिकट के लिए घमासान तेज हो गया है और यशोधरा राजे सिंधिया चुनाव नहीं लड़ीं तो भाजपा के लिए प्रत्याशी चुनना इतना आसान नहीं रहेगा।

संभावना है कि चुनाव लड़े राजे!

सांसद यशोधरा राजे के शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लडऩे की संभावनाएं बनी हुई हैं। सूत्र बताते हैं कि भाजपा ने शिवपुरी से उनके अलावा किसी के नाम पर अभी विचार नहीं किया है। सूत्रों के अनुसार यशोधरा राजे सिंधिया को वजन देने के लिए उन्हें चुनाव समिति में भी शामिल किया जा रहा है। पार्टी का मानना है कि यशोधरा राजे शिवपुरी से चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने अभी स्पष्ट रूप से असहमति भी व्यक्त नहीं की है। उनके इंकार के बाद ही पार्टी अन्य दावेदारों के नाम पर विचार करेगी। ऐसी स्थिति में शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र के बारे में निर्णय शायद सबसे अंत में होगा ऐसा माना जा रहा है।