बीजेपी में दागी दावेदारों के नाम आगे

शिवपुरी। आचार संहिता लगने के बाद अब ऐसा प्रतीत होने लगा है जैसे चुनाव कुछ ही पल में होने वाले है और यह बात कुछ हद तक सही भी है क्योंकि आगामी 25 नवम्बर चुनाव के मतदान की तिथि घोषित की जा चुकी है और इस चुनावी समर में कूदने वाले नेताओं ने भी अपने-अपने पक्ष में समर्थन हासिल करने के लिए जनसंपर्क करना शुरू कर दिया है।

देखा जाए तो यदि शिवपुरी में भाजपा की स्थिति का आंकलन करने पर पता चलता है कि यहां केवल अब तीन ही नाम सामने है जिनमें वर्तमान विधायक माखन लाल राठौर, दूसरे है पूर्व नगर मण्डल अध्यक्ष अनुराग अष्ठाना और तीसरे है भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य और विभिन्न समाजसेवी संस्थाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले कपिल जैन (पत्ते वाले), ये तीन ही ऐसे प्रत्याशी अब जनता जनार्दन के सामने है। चर्चा है कि इन्हीं में से एक को टिकिट मिल सकता है हालांकि यह घोषण हुई नहीं लेकिन चहुंओर की जा रही चर्चाओं पर भरोसा किया जाए तो इनमें से निकलकर टिकिट का आकांक्षी सामने आएगा।

बताना होगा कि शिवपुरी ही नहीं बल्कि संपूर्ण शिवपुरी जिले में ग्वालियर सांसद यशोधरा राजे सिंधिया एक सर्वमान्य नेता है और उनकी हां-ना पर टिकिट का फैसला होना है। हालांकि चर्चा तो यह भी है कि आने वाले चुनावों में यशोधरा स्वयं शिवपुरी से चुनाव मैदान में हो, लेकिन कोई इशारा और जनसंपर्क ना होने से ऐसा प्रतीत होता है कि शायद वे विधानसभा चुनाव ना लड़े लेकिन अपने इशारे पर वे टिकिट फायनल करने का माद्दा जरूर रखती है।

इसके बाद बात करें तो वर्तमान विधायक माखन लाल राठौर, अनुराग अष्ठाना और कपिल जैन (पत्ते वाले) ये तीन चेहरे भी जनता-जनार्दन के बीच अपनी छाप छोड़ सकते है। विधायक माखन लाल राठौर की स्थिति ठीक नहीं है और वह यदि चुनाव लड़ते भी है तो मुश्किल है कि यहां से सीट विजय पा सके, दूसरी ओर स्व.सुशील बहादुर अष्ठाना के वंशज के रूप में अनुराग अष्ठाना भी सामने है जिनकी पत्नि श्रीमती रिशिका अष्ठाना नपाध्यक्ष है। अष्ठाना का गणित है कि वो शहर में हुए विकास कार्यों के दम पर टिकिट बटोर लाएंगे, लेकिन अपनी पत्नि के कामों में अड़ंगा लगाने वाले नेता की छवि लेकर घूम रहे अनुराग के माथे पर नगरपालिका में हुए भारी झोलझाल का कलंक भी लगा हुआ है। ग्रामीण इलाकों में अनुराग अष्ठाना का लोग जानते तक नहीं। कुल मिलाकर अनुराग की पहली बारी ही दागदार हो गई है, भाजपा को चाहिए कि उन्हें अगले पांच साल के लिए संगठन के काम में लगाए।

अब बात करें कपिल जैन (पत्ते वाले) की तो यह ना केवल प्रदेश नेतृत्व का अभिन्न अंग है बल्कि शहर में युवा व कई समाजसेवी संगठनों से जुड़ाव और समाज में अपनी निर्दिष्ट छवि का लाभ इन्हें मिल सकता है। बताया गया है कि इस बार युवक कांग्रेस की ओर से टिकिट की मांग की गई है तो संभवत: डेढ़ दर्जन में से 11 प्रत्याशी युवक कांग्रेस के होंगें, ऐसे में प्रदेश में युवा मोर्चा भाजपा की ओर से टिकिट की मांग आती है तो युवा नेतृत्व में कपिल जैन का नाम प्रथम पंक्ति में शामिल है। कपिल जैन का एक प्लस प्वाईंट यह भी है कि उन्होंने अभी कुछ समय पहले ही कृषि उपज मण्डी समिति के चुनावों के दौरान ग्राम-ग्राम भ्रमण व संपर्क किया है और मण्डी में भी अपने ही अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को विजयी बनाया जबकि इस चुनाव में भाजपा के ही बड़े-बड़े दिग्गज उनके सामने थे। शहर में भी कपिल जैन का नाम युवाओं के साथ-साथ हर वर्ग और समाज में भी चर्चित है। भोपाल से जुड़े सूत्रों पर भरोसा किया जाए तो इस बार भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ने कपिल जैन को इशारा भी किया है। अब भावी प्रत्याशियों की विधिवत घोषणा होना शेष है जो कि आगामी समय में पार्टी के द्वारा की जाएगी। अब यह देखने योग्य होगा कि भाजपा की ओर से इस बार कौन-प्रत्याशी मैदान में होगा। चर्चा के अनुसार इन्हीं तीन में से किसी एक का होना तय है।