प्रत्याशी चयन के पूर्व प्रमुख दलों को भितरघात का खतरा

शिवपुरी। कांग्रेस में जहां पिछोर, कोलारस और पोहरी में जहां उम्मीदवारों की तस्वीर साफ होने लगी है। वहीं पोहरी और करैरा सीट पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। स्क्रीनिंग कमेटी भी किसी एक उम्मीदवार के नाम पर नहीं पहुंची है और दोनों सीटों पर सूत्रों के अनुसार दो से तीन नामों के पैनल केन्द्रीय चुनाव समिति को भेजे गए हैं। इसी कारण पोहरी और करैरा के कांग्रेस टिकट के दावेदार दिल्ली में जमे हुए हैं।
कल पूर्व विधायक जगदीश वर्मा और उनके सुपुत्र प्रद्युम्र वर्मा ने श्री सिंधिया से भेंट कर टिकट की मांग की वहीं आज सिंधिया के बंगले पर हरिवल्लभ विरोधी कंपनी के सदस्य टिकट की मांग के लिए पहुंचे हैं। इनमें सांसद प्रतिनिधि केशव सिंह तोमर, जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष सुरेश राठखेड़ा, विनोद धाकड़, ब्रजकिशोर त्रिवेदी, अखिल शर्मा, माताचरण शर्मा, एनपी शर्मा, अवतार सिंह गुर्जर आदि शामिल हैं। वहीं करैरा से टिकट की मांग कर रहे योगेश करारे, केएल राय भी दिल्ली में जमे हुए हैं।

 सूत्रों की खबर है कि आज केन्द्रीय चुनाव समिति प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों के संदर्भ में विचार करेगी और उम्मीदवारों की पहली सूची आज आने की संभावना है। सूत्र बताते हंै कि पहली सूची में पिछोर, कोलारस और शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस उम्मीदवार संभावित हैं। शिवपुरी विधानसभा सीट पर भी टिकट के लिए उठापटक चल रही है। हालांकि स्क्रीनिंग कमेटी ने वीरेन्द्र रघुवंशी का सिंगल नाम पैनल में भेजा है। लेकिन इसके बाद भी श्री रघुवंशी के विरोधी दिल्ली में जमे हुए हैं। आज श्री सिंधिया से टिकट के  दावेदार अजय गुप्ता और उनके समर्थक खलील खान आदि ने भेंट की।

दो दिन पहले स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में जिले की तीन विधानसभा सीटों पर सिंगल नाम तय किए गए थे। ये थे शिवपुरी से वीरेन्द्र रघुवंशी, पिछोर से केपी सिंह और कोलारस से रामसिंह यादव। सूत्र बताते हैं कि सिंधिया खेमे ने पोहरी से पूर्व विधायक हरिवल्लभ शुक्ला और करैरा से श्रीमती शकुंतला खटीक का नाम दिया था और संभावना व्यक्त की जा रही थी कि ये नाम भी फायनल हो जाएंगे, लेकिन तकनीकी कारणों से इन नामों पर स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में सहमति नहीं बन सकी। पिछले चुनाव के बाद हरिवल्लभ कांग्रेस में आए और पिछला चुनाव उन्होंने बसपा उम्मीदवार के रूप में पोहरी से लड़ा था तथा वह भाजपा के विजयी प्रत्याशी प्रहलाद भारती से लगभग बीस हजार मतों से चुनाव हारे थे। जबकि शकुंतला खटीक भी पिछले चुनाव के बाद कांग्रेस में आई थीं और उन्होंने पिछला चुनाव जनशक्ति पार्टी के उम्मीदवार के रूप में करैरा से लड़ा था और वह पराजित हुई थीं।

श्री शुक्ला और श्रीमती खटीक में एक समानता यह रही कि दोनों ने कांग्रेस प्रत्याशियों को पीछे छोड़ा था। हालांकि वे जीत नहीं पाए। सूत्र बताते हैं कि पिछले चुनाव का रिकॉर्ड दोनों के टिकट प्राप्त करने में बाधक बना हुआ है। इसी कारण पोहरी सीट पर हरिवल्लभ के अलावा सुरेश राठखेड़ा का पैनल बना और बाद में राजेन्द्र पिपलौदा और आशीष शुक्ला का भी बायोडेटा लिया गया। युवक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष विजय शर्मा का नाम भी सूत्रों के अनुसार जोड़े जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है। उसी तरह करैरा सीट पर श्रीमती शकुंतला खटीक के साथ जसवंत जाटव का नाम पैनल में स्क्रीनिंग कमेटी ने रखा। दोनों सीटों पर पैनल बनने से कांग्रेस में टिकट के दावेदार तेजी से सक्रिय हो गए हैं।

हो सकता है भितरघात
करैरा और पोहरी विधानसभा सीटों पर जिस तरह से उम्मीदवारों के बीच जोरदार संघर्षद देखने को मिल रहा है। उससे इन दोनों सीटों पर कांग्रेस के संदर्भ में भितरघात की आशंका व्यक्त की जा रही है। हरिवल्लभ के अधिकांश विरोधी तो साफ-साफ कह चुके हैं कि उन्हें टिकट दिए जाने पर वे खुलकर कांग्रेस का विरोध करेंगे। वहीं करैरा सीट पर भी जबरदस्त भितरघात की आशंका है।