एक बार फिर मतदान से चुना जायेगा अध्यक्ष

शिवपुरी। मध्यदेशीय अग्रवाल समाज की नवीन कार्यकारिणी के लिए पूर्व से निर्धारित रविवार को बड़ी संख्या में अग्रबंधु एकत्रित हुए, जहां उन्होंने सर्वसम्मति से कार्यकारिणी गठन की पहल की। चुनाव अधिकारियों के आदेश के बाद एक-एक कर विभिन्न पदों के लिए नाम आये। 
अध्यक्ष पद के लिए राजेश गोयल झिरी वाले एवं अनूप गोयल ककरौआ वाले का नाम सामने आया। समूचे अग्रवाल समाज ने इन दोनों में से किसी एक के नाम पर सर्वसम्मति बनाने का भरसक प्रयास किया, लेकिन समाज के चुनाव में राजनैतिक हस्तक्षेप के चलते समाज को इसमें सफलता नहीं मिल सकी। 

बताया जाता है कि राजेश गोयल झिरी वाले को देवेन्द्र जैन, जितेन्द्र जैन पत्ते वालों का समर्थन प्राप्त है जबकि अनूप गोयल ककरौआ वाले को मध्यदेशीय अग्रवाल समाज के पूर्व अध्यक्ष चौधरी रीतेश जैन का समर्थन प्राप्त है। समूचा अग्रवाल समाज भरोसी लाल जी को सर्वसम्मति से अध्यक्ष बनाना चाहता था, लेकिन समाज की यह लड़ाई राजनैतिक रंग लेने के कारण समाज बंधुओं को पीछे हटना पड़ा। 

सर्वसम्मति न बन पाने के कारण अब नवीन अध्यक्ष का चुनाव 13 अक्टूबर रविवार को सुबह 10 बजे से सायं 4 बजे तक मतदान उपरांत होगा, जबकि वरिष्ठ उपाध्यक्ष के लिए गोपाल टोंगरा वाले, उपाध्यक्ष के लिए चंद्रकुमार जैन किलावनी वाले, सचिव पद हेतु हरिओम जैन डेहरवारा वाले, संयुक्त सचिव पुनीत अग्रवाल, प्रचार मंत्री अनिल एवं कोषाध्यक्ष के लिए एक बार फिर मथुरा प्रसाद को सर्वसम्मति से चुना गया।

समाज में अग्रणीय है राजेश तो धनबल में है अनूप

देखा जाए तो मध्यदेशीय अग्रवाल समाज में एक साफ स्वच्छ व ईमानदार छवि के रूप में राजेश गोयल (झिरी वाले) की तस्वीर साफ कोरे पन्ने जैसी झलकती है और समाज में मिलनसार व्यवहार व मृदुभाषी ज्ञान के ज्ञाता भी राजेश गोयल ही है ऐसे में समाज में अग्रणीय पंक्ति में राजेश गोयल का नाम पहले आता है और इस बार समाज में सर्वसम्मति से राजेश गोयल के नाम को समर्थन मिलता लेकिन अकारण ही  इस सामाजिक प्रक्रिया को चुनावी रूप देने का कुत्सित प्रयास किया गया और समाज के ही अनूप गोयल मैदान में आ गए जिन्होंने अध्यक्षीय चुनाव का विरोध करते हुए स्वयं को अध्यक्षीय दावेदार बताया। हालंाकि धनबल में अनूप आगे है लेकिन सामाजिक छवि और समाज में अनूप को वह समर्थन हासिल नहीं जो छवि राजेश गोयल की है। खैर अब चुनावी बिगुल बज चुका है तो आने वाली 10 को ही अध्यक्षीय आसंदी का फैसल हो सकेगा।