कहीं स्वास्थ्य पर भारी ना पड़ जाए दीपावली का त्यौहार

शिवपुरी। इन दिनों दीपावली पर्व के चलते दूषित मावे से बनी मिठाईयों का निर्माण बड़े जोरों पर चल रहा है और प्रशासन भी इन मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान छेड़े हुए है। डॉक्टरों ने सलाह देते हुए कहा है कि दीपावली पर मावे से बनीं मिठाईयों से परहेज किया जाए।
साथ ही सस्ती मिठाईयों के चक्कर में अपने स्वास्थ्य से खिलवाड़ न करें।  शहर के  कुछ दुकानदारों ने दूषित मावा आने के कारण मावे से बनीं मिठाईयों से परहेज किया है और मावे के स्थान पर छैने से बनी मिठाईयां बनाई हैं जो खाने में स्वादिष्ट हैं और स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक नहीं हैं। इस वर्ष बाजार में 140 रूपये प्रति किलो से लेकर 700 रूपये प्रति किलो की दर पर मिठाईयां उपलब्ध हैं। दीपावली पर विशेष मिठाई के तौर पर मिठाई विक्रेताओं ने ग्राहकों की सेहत को ध्यान में रखते हुए काजू कसाटा, काजू सोन पपड़ी, मलाई छैना, मलाई डोसा, मलाई चमचम सहित घी, काजू, अंजीर और बादाम की मिठाईयां बनाई हैं।

दीपावली में अब दो दिन बांकी रह गए हैं और मिठाई विक्रेता ग्राहकों को अच्छी से अच्छी मिठाई उपलब्ध कराने की जुगत में जुट गए हैं, लेकिन शहर के अनेकों स्थानों पर सस्ती और दूषित मावे से बनीं मिठाईयां बनाई जा रही हैं। अभी हाल ही में प्रशासन ने लुधावली के मदकपुरा क्षेत्र में एक मिल्क केक की फेक्ट्री पर छापामार कार्रवाई कर वहां से मिल्क केक का सेंपल लिया। साथ ही बस स्टेण्ड पर स्थित भाजपा नेता रामदयाल जैन मावा वालों की दुकान से भी सेंपल भरा गया। 

नकली मावे को लेकर प्रशासन भी इस बार सख्त नजर आ रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए। माधव चौक हनुमान मंदिर के पास स्थित यादव मिष्ठान भण्डार के संचालक लाखन सिंह यादव का कहना है कि इस वर्ष सिंथेटिक मावे का उपयोग बहुत से दुकानदार कर रहे हैं, लेकिन उनके द्वारा मावे से बनीं मिठाईयां कम ही बनाई गई हैं और जो मावे की मिठाईयां बनीं हैं वह मावा उनके घर पर ही तैयार किया गया है और छैने से बनीं मिठाईयां अधिक बनाई गई हैं। श्री यादव कहते हैं कि इस बार उनकी दुकान पर 260 रूपये से लेकर 600 रूपये तक की मिठाईयां उपलब्ध हैं। जो घी, काजू और अंजीर से निर्मित हैं। साथ ही उनकी दुकान पर दीपावली स्पेशल में मलाई चमचम और मलाई डोसा जैसी मिठाईयां उपलब्ध हैं। प्रेम स्वीट्स के संचालक राजेश जैन बताते हैं कि उनकी दुकान पर 250 रूपये से लेकर 700 रूपये तक की मिठाईयां उपलब्ध हैं। 

जिनमें काजू कसाटा 700 रूपये प्रति किलो, काजू सोन पपड़ी 500 रूपये में उपलब्ध है। अभी तक सोन पपड़ी बेसन से बनाई जाती थी, लेकिन इस बार काजू से सोन पपड़ी बनाई गई है। श्री जैन का दावा है कि काजू से बनी यह सोन पपड़ी खाने में अति स्वादिष्ट है जो ग्राहकों को बहुत पसंद आएगी। इस बार मिठाईयों के निर्माण के लिए बंगाल और उत्तरप्रदेश से कारीगरों को बुलाया गया है। जिनमें मिठाईयों का गढ़ कहे जाने वाले फिरोजाबाद के कारीगरों द्वारा एक से एक स्वादिष्ट और लाजवाब मिठाईयां बनाई गई हैं। मधुरम स्वीट्स के संचालक सचिन शिवहरे जौली द्वारा मावे के स्थान पर छैना, घी और दाल से बनी मिठाईयंा बनाई गई है। जिनमें मलाई रौल, अमृत पेड़ा, डोडा बनारसी बर्फी, सोन हलवा और मोती चूर के लड्डू शामिल हैं। उनके यहां भी 140 रूपये से लेकर 700 रूपये तक की मिठाईयां उपलब्ध हैं।

महंगाई और फसल चौपट होने का असर मिठाई व्यापार पर!

भारी बारिस के कारण फसलों को नुकसान पहुंचने और महंगाई बढऩे से मिठाई व्यापार पर भी खासा असर देखा जा रहा है। जहां छोटे-छोटे मिठाई विक्रेता मंदी की मार झेल रहे हैं, लेकिन शहर के बड़े मिठाई विक्रेताओं का कहना है कि उनके व्यापार पर न तो महंगाई का असर है और न ही फसल नष्ट होने से उन्हें कोई नुकसान हुआ है। लाखन सिंह यादव, राजेश जैन और सचिन शिवहरे बताते हैं कि उनकी दुकानों पर या तो मध्यम वर्गीय या उच्च वर्गीय ग्राहक आता है और उनकी मिठाई का जो मूल्य निर्धारित है उस मूल्य में हर कोई ग्राहक खरीददारी नहीं कर  सकता है। जिस कारण उन्हें कोई भी नुकसान नहीं है। फिर भी बाजार को देखते हुए पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 20 प्रतिशत कम मिठाईयां बनाई गई हैं।