उत्सव हत्याकाण्ड : जनता के वोट और पुलिस के लठ्ठों के बीच चिंतित भाजपा

चुनाव विशेष@ललित मुदगल/शिवपुरी- बीती 4 मार्च की घटना हर शिवपुरीवासियों के जेहन में बसी है क्योंकि यह वही दिन था जब एक मासूम को अकारण ही मौत के घाट उतार दिया और उसके बाद सुलगी आग ने पूरे शहर को सुलगा कर रख दिया।
ऐसे में अब आने वाले चुनावो में उत्सव हत्याकाण्ड की आंच भाजपाईयों को भी सता रही है यही कारण है कि वह खुलकर सामने नहीं आ रहे, इसका उन्हें डर है कि कहीं पुलिस उन्हें गिरफ्तार ना कर लें। ऐसे में कई भाजपाई जो टिकिट की लाईन में आगे थे वे बहुत पीछे हो गए है और चुपचाप बैठने में ही अपना भला समझ रहे है संभव है कि यह वही भाजपाई जो उत्सव हत्याकाण्ड उपद्रव में शामिल हुए और आज पुलिस की सूची में भी इनके नाम शामिल है।

नगर में उत्सव हत्याकाण्ड में ऐसा नहीं कि केवल भाजपाई ही शामिल हो बल्कि कई कांग्रेसी भी इस उपद्रव में शामिल हुए और पुलिस में लगभग 400 लोग ऐसे पंजीबद्ध किए जो इस हत्याकाण्ड में मचाए गए उपद्रव में शामिल हुए। ऐसे में कांग्रेस के कुछ नेता व पार्षद जो इस काण्ड से बचने की फिराक में थे उन्होंने तो समाचार पत्र की आढ़ लेकर अपना बचाव किया और पुलिस अधीक्षक को निष्पक्ष जांच की मांग कर स्वयं को मामले से दूर बनाए रखने का दावा किया जबकि दूसरी ओर भाजपाईयों में यह भय इसलिए है क्योंकि खुले रूप में कईभाजपाईयों के नाम उजागर हुए और आज वे भूमिगत होने का दावा कर रहे है। कारण साफ है कि इन भाजपाईयों को उत्सव हत्याकाण्ड आग की आंच इन्हें झुलसा रही है ऐसे में यह स्वयं अपना भला मानकर घर में दुबे रहने में ही भलाई समझ रहे है।

जबकि उत्सव हत्याकाण्ड को लेकर की गई जांच में पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी शिवपुरी आए और कई लोगों के लिखित व मौखिक बयान भी लिए। जिनके आधार पर भाजपा-कांग्रेस के लगभग दर्जन भर नेताओं को इस हत्याकाण्ड में शामिल होना पाया। उसके बाद इन्हें गिरफ्तारी करने के आदेश भी हुए लेकिन आज दिनांक इक्का-दुक्का को छोड़ दें तो सभी उपद्रवी बाहर है और अब विधानसभा चुनाव है ऐसे में इन उपद्रवियों के विरूद्ध कार्यवाही भी आवश्यक है कहीं ऐसा ना  हो जाए कि यह आने वाले चुनावों में भी किसी प्रकार का उपद्रव मचाऐं और विघ्न पैदा हो।

फिलहाल पुलिस मामले की पतारसी कर रही है और जो उपद्रवी शामिल थे उनकी तलाश तो की जा रही है लेकिन गिरफ्तारी के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे है। खबर है कि यह सभी भजपा-कांग्रेस के उपद्रवी हीं अपनी ही पार्टी के लिए नुकसान ना पहुंचा दे इसलिए यह छुपते फिर रहे है जबकि कई बार इन्हें खुले में भी देखा गया है लेकिन एक भी उपद्रवी पुलिस के हाथ नहीं लगा और पुलिस का दावा था कि उत्सव हत्याकाण्ड में उपद्रव मचाने वाले सभी उपद्रवियों को समय रहते हवालात में पहुंचा दिया जाएगा। पुलिस अधीक्षक यह बयान भी मिथ्या साबित होता जा रहा है और आरोपी सभी खुले में बेखौफ घूम रहे है।