क्या महज वोटबैंक और भीड़ जुटाने के लिए ही हैं मुस्लिम जमात!

शिवपुरी-प्रदेश हो या देश हो हर जगह मुस्लिम जमात के बिना कोई भी सरकार बने ऐसी संभावना कम ही नजर आती है क्योंकि हर बार मुस्लिम वोट बैंक का सर्वाधिक झुकाव वैसे तो कांग्रेस की ओर होता है लेकिन असल में मुस्लिम समाज को अभी तक अपना वजूद हासिल नहीं हुआ, क्या हमेशा की तरह एक बार फिर से मुस्लिम समाज अपने को ठगा महसूस करेगा

जो उसे केवल वोट बैंक और महज भीड़ जुटाने के लिए शामिल किया गया? हम यह बात इसलिए कह रहे है क्योंकि गत दिवस ग्वालियर में हुई राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी की आसमभा में मंच पर मंचासीन अतिथियो में मुस्लिम समाज से प्रतिनिधित्व की कमी साफ झलक रही थी जिससे यह संदेश जा रहा था कि एक बार फिर से मुस्लिम समाज को अपने प्रतिनिधित्व की कमी स्वयं दूर करनी होगी। आखिर क्या कारण है कि समाज का कोई व्यक्ति इस ओहदे पर पहुंचे और उस समाज में वह स्थान मिले जो मुस्लिम समाज चाहता है।

राहुल गांधी की आसमभा को लेकर कांग्रेसियों का जमाबड़ा हुआ जिसमें सर्वाधिक रूप से ग्वालियर चंबल संभाग से मुस्लिम समाज की भी महती भूमिका रही। ऐसे में यहां कांग्रेस ने ग्वालियर चंबल संभाग में अभी तक किसी को प्रतिनिधित्व नहीं दिया और खाली वोट और भीड़ जुटाने तक ही मुस्लिम समाज को सीमित किया गया। यही कारण रहा कि लगभग 3 लाख की संख्या में पहुंचे इन कांग्रेसियों में सर्वाधिक भीड़ मुस्लिमों की भी थी लेकिन यहां मंचासीन अतिथियो में किसी ने भी मुस्लि समाज के किसी वरिष्ठजन या समाज के प्रतिनिधि को यह तवज्जो नहीं दी कि वह मंच पर पहुंचे और अपने समाज की ओर से प्रतिनिधित्व कर इस भीड़ को वोट बैंक के रूप में बदले,लेकिन राहुल की आमसभा में गरजने वाले सभी कांग्रेसी इस बात से किनारा कर गए और यहां हजारो की संख्या में पहुंचे मुस्लिम समाज के लोग स्वयं को ठगा महसूस करने लगे।

बात तब भी हुई जब एक बार शिवपुरी में आए केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का भव्य इस्तकबाल मुस्लिम समाज की ओर से नगर में किया गया जिसमें श्री सिंधिया ने कहा था कि प्रदेश के विकास में मुस्लिमों का बहुत बड़ा योगदान है , लेकिन क्या यह योगदान महज भीड़ जुटाने और वोट बैंक बढ़ाने तक ही है? आखिर असल में मुस्लिम समाज को अपना प्रतिनिधित्व कब मिलेगा, कहीं ऐसा तो नहीं कि मुस्लिम समाज आने वाले चुनावों में समाज की ओर से प्रत्याशी की मांग करे, क्योंकि सरकार बनाने में मुस्लिमों का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है ऐसे में मुस्लिम समाज के भीतर भी यह बात घर कर गई है और जमात को विश्वास है कि यदि समय रहते मुस्लिम समाज को तवज्जो नहीं मिली तो वह वहीं का वहीं रह जाएगा। ऐसे में कांग्रेस पार्टी से मुस्लिमों की ओर से टिकिटार्थियों के लिए सर्वेक्षण किया जाएगा और संभव है कि इस विधानसभा में मुस्लिम समाज का प्रतिनिधि भी हो शामिल हो, हालांकि यह विचार कांग्रेस पार्टी को करना है लेकिन यदि ऐसा नहीं हुआ तो हो सकता है चुनावी समीकरण भी बिगड़ सकते है।