बड़ा सवाल: क्या चुनाव आयोग करेगा कांग्रेसियों पर कार्यवाही?

राजू (ग्वाल) यादव/शिवपुरी-जिला निर्वाचन अधिकारी के आदेश गत दिवस उसय नजरअंदाज किए गए जब प्रदेश के ग्वालियर संभाग में कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी की सत्ता परिवर्तन रैली के रूप में आमसभा हुई।
इस आमसभा में प्रत्येक जिले से कांग्रेसियों को इकट्ठा करने के ना केवल आदेश बङ्क्षल्क सख्त लहजे में निर्देश चुनाव अभियान समिति के प्रमुख ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिए थे आखिरकार संभाग में सिंधिया की छवि राहुल के सामने प्रदर्शित की जाए इसलिए अधिक से अधिक कांग्रेसियों को इस आयोजन में शामिल करने का ताना-बाना बुना। 

यहां तक तो सब ठीक है लेकिन इन्हीं कांग्रेसियों ने जब राहुल की आमसभा में शामिल होने के लिए जिस प्रकार से आचार संहिता की धज्जियां उड़ाई, उससे अब एक बड़ा सवाल सभी के जेहान में है कि क्या चुनाव आयोग इन कांग्रेसियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा जिन्होनें सरेआम प्रशासन की नाक के नीचे आचार संहिता का मजाक उड़ाया। इस सवाल का जबाब तो चुनाव आयोग को देना ही होगा साथ ही उन कांग्रेसियों के खिलाफ भी सख्त कार्यवाही करनी होगी जिन्होंने कल बस-गाड़ी व अन्य वाहनों पर अपने पसंदीदा नेताओं के बैनर-पोस्टर लगाकर आचार संहिता को मुंह चिढ़ाया। 

 ऐसे में अब चुनाव आयोग की यह महती जिम्मेदारी बन गई है कि आचार संहिता की सरेआम धज्जियां उड़ाने वाले कांग्रेसियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी। अभी कुछ दिनों पहले ही जहां जिला निर्वाचन अधिकारी के द्वारा ऐलान किया गया कि अब आचार संहिता में होने वाले निर्माण कार्य प्रतिबंधित रहेंगें, वहीं दूसरी ओर शिवपुरी विधायक माखन लाल राठौर को भी आचार संहिता के उल्लंघन में नोटिस जारी कर दिया लेकिन कार्यवाही क्या हुई, इसका आज तक कोई अता-पता नहीं। 

बाबजूद इसके जिला प्रशासन आए दिन आचार संहिता का ढिंढोरा पीटता कि अब जिले में किसी भी रूप में आचार संहिता का उल्लंघन ना किया जाए इसके लिए अपने अधीनस्थ अमले को भी सचेत किया, लेकिन क्या हुआ, परिणाम वही ढाक के तीन पात नजर आए। इसका ताजा उदाहरण गत दिवस देखने को मिला जब जिला प्रशासन की नाक के नीचे सैकड़ों गाडिय़ों में कांग्रेसी भरकर अपने नेताओं के बैनर-पोस्टर व जिन्दाबाद के नारे लगाकर आचार संहिता का उल्लंघन करते नजर आए। 

यहां ग्वालियर में होने बाली कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी की सभा में जाने के लिए शिवपुरी जिले के कांग्रेसियों ने आचार संहिता की जमकर धज्जियां उड़ाईं। सैकड़ों वाहनों पर संभावित प्रत्याशियों के बैनर, पोस्टर तथा झंडे लगे हुए थे। कार्यकर्ताओं को खाने के पैकिट वितरित किए गए तथा बसों को और छोटे दुपहिया वाहनों को लाखों रूपये का भुगतान किया गया। कार्यकताओं ने कांग्रेस के समर्थन में जमकर नारेबाजी की, लेकिन चुनाव आयोग बेपरवाह रहा। एडीएम जैन ने भी स्वीकार किया कि कांग्रेसियों ने उनसे अनुमति नहीं ली थी। बाबजूद इसके एक भी कांग्रेसी के विरूद्ध कोई नोटिस नहीं कोई कार्यवाही नहीं, इससे प्रतीत होता है कि कहीं ना कहीं चुनाव आयोग भी अपने कार्य में शिथिलता बरत रहा है।

 ऐसे में कैसे अपेक्षा की जाएगी कि जिले में शांतिपूर्ण ढंग से मतदान संपन्न हो सकेगा। हालांकि अभी तो कांगे्रस और भाजपा ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा भी नहीं की बाबजूद इसके इस तरह आचार संहिता का उल्लंघन करना यह साफ संकेत देता है कि कहीं ना कहीं जिला प्रशासन के ढिलमुल रवैये के कारण यह सब हुआ। आखिरकार शहर में निजी बोरिंग पर प्रतिबंध, निर्माण कार्य पर प्रतिबंध, लायसेंस पर प्रतिबंध और तो और अब कोई भी लोकलुभावने वायदों और न्यूज चैनल की खबरों पर तक प्रतिबंध लगा दिया गया है लेकिन क्या चुनाव आयोग को यह नजर नहीं आया जब कांग्रेसी सरेआम उन्हीं के आदेशों को धता बताते नजर आए।

रेलवे स्टेशन पर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने मचाया हंगामा

राहुल गांधी की आमसभा में शामिल होने रेल से जा रहे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं द्वारा रेलवे स्टेशन पर हंगामा किया गया। जिससे टिकिट लेकर यात्रा करने वाले यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। जबकि अधिकांश कांग्रेसी कार्यकर्ताओं द्वारा वैधानिक टिकिट लेने की जहमत नहीं उठाई गई।