प्रत्याशी सामाजिक भोज में गए तो सारा खर्चा प्रत्याशी के खाते में जुड़ेगा

शिवपुरी। चुनाव आयोग द्वारा इस बार आचार संहिता के दौरान कड़े नियम लागू किए हैं। जिन्हें अमल में लाना राजनीतिक दलों के लिए टेडी खीर बना हुआ है। चुनाव आयोग ने चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशियों पर चुनावी खर्चे का व्यय सीमित किया है। साथ ही यह गाईड लाईन भी बनाई है कि अगर कोई प्रत्याशी चुनाव प्रचार के दौरान किसी सामाजिक भोज में उपस्थित होता है तो भोज का सारा व्यय उस प्रत्यशी के चुनावी खर्चे में जोड़ दिया जाएगा।

चुनाव आयोग ने चुनाव प्रचार के दौरान बैनर, पोस्टर व पैम्पलेट आदि प्रचार सामग्री छापने के लिए प्रेस मालिकों को चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवार से पहचान पत्र और दो गवाह लेने का निर्देश भी दिया है और निर्धारित किया है कि बैनर, पोस्टर छपवाने वाले का नाम भी उक्त प्रचार सामग्री में अंकित किया जाएगा। साथ ही जितनी संख्या में प्रेस संचालक ने चुनाव सामग्री छापी है उसका हिसाब भी चुनाव आयोग को प्रेस मालिक उपलब्ध कराएंगे।

चुनाव आयोग ने प्रेस संचालकों को चेतावनी भी दी है कि अगर गाईड लाईन का प्रेस मालिकों द्वारा उल्लंघन किया गया तो उन्हें 6 माह कारावास और दो हजार रूपये का जुर्माना भुगतना होगा। इस व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है।

उल्लेख करना प्रासांगिक होगा कि चुनावों में बढ़ते खर्चे को कम किए जाने को लेकर चुनाव आयोग सख्त नजर आ रहा है। वहीं आयोग द्वारा नई-नई गाईड लाईनें लागू की गई हैं। जिससे राजनैतिक दलों में हड़बड़ाहट निर्मित हो गई है। पहले चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशी के नाम से राजनीतिक और गैर राजनीतिक दल का कोई भी व्यक्ति चुनाव संबंधी सामग्री छपवा लेता था। इससे उम्मीदवारों के कितने बैनर,पोस्टर छपे हैं।

उसमें कितनी राशि खर्च हुई है। इसका हिसाब चुनाव आयोग तक नहीं पहुंच पाता था। इसे रोकने के लिए इस बार आयोग ने एक कड़ा नियम प्रेस संचालकों के लिए बनाया है। जिसमें अब चुनाव आयोग को बैनर-पोस्टर छपवाने वाले प्रत्याशी के खर्चे का हिसाब किताब प्रेस संचालक को देना होगा। साथ ही उक्त सामग्री छपवाने वाले का नाम भी उस सामग्री पर अंकित किया जाएगा और प्रचार सामग्री छपवाने वाले को अपना पहचान पत्र और गवाह भी प्रेस संचालक के सामने पहचान के लिए उपस्थित कराने होंगे।

वहीं दूसरा कड़ा नियम आयोग ने यह बनाया है कि अगर चुनाव प्रचार के दौरान कोई भी प्रत्याशी सामाजिक भोज में उपस्थित होगा तो भोज का सारा व्यय उस प्रत्याशी के खाते में   जोड़ा जाएगा और कोई प्रत्याशी अगर स्टार केम्पेनर के साथ यात्रा करेगा तो उसका 50 प्रतिशत व्यय उस प्रत्याशी के खाते में जोड़ दिया जाएगा। साथ ही धार्मिक स्थलों का उपयोग प्रत्याशी के प्रचार के लिए किया गया तो संबंधितों के खिलाफ आयोग कड़ी कार्रवाई करेगा। उल्लंघन करने पर  5 वर्ष तक का कारावास भी आयोग द्वारा निर्धारित किया गया है।