कांग्रेस ने राहुल की रैली के लायक भी नहीं समझा हरिबल्लभ को

शिवपुरी। अभी तक तो पोहरी क्षेत्र में कांग्रेसी केवल हरिबल्लभ का विरोध जताते थे लेकिन अब तो हरिबल्ललभ को कांग्रेसियों ने जैसे पूरी तरह से ही कांग्रेस से अलग कर दिया हो। हम यह इसलिए कह रहे है क्योकि आगामी 17 अक्टूबर को ग्वालियर में परिवर्तन रैली में शामिल होने आ रहे राहुल गांधी की यात्रा के रोडमेप में कहीं से कहीं तक हरिबल्लभ का नाम नहीं है और ना ही उन्हें शामिल किया गया है।

विधानसभा चुनाव को महज डेढ़ माह ही रह गए हैं, लेकिन पोहरी कांग्रेस में गुटबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। कल राहुल गांधी की 17 अक्टूबर को ग्वालियर में होने वाली रैली की तैयारी को लेकर आयोजित बैठक में पोहरी के कांग्रेसियों ने समवेत स्वर में हरिवल्लभ विरोध का शंखनाद किया। समीक्षा बैठक में कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रताप भानु शर्मा और प्रदेश महामंत्री रमेश अग्रवाल तब आश्चर्यचकित हो उठे जब उनके समक्ष ही पोहरी ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष जमील अंसारी और स्थानीय नेता अखिल शर्मा और ब्रजकिशोर त्रिवेदी ने एक साथ पूर्व विधायक हरिवल्लभ शुक्ला के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।

ब्रजकिशोर त्रिवेदी ने यहां तक कहा कि न हम हरिवल्लभ के साथ और न ही हरिवल्लभ हमारे साथ हैं। ब्लॉक अध्यक्ष जमील अंसारी ने कहा कि वह और उनकी टीम रैली में हरिवल्लभ से अधिक गाडिय़ां लेकर जाएगी। श्री अंसारी ने हरिवल्लभ पर वायदा खिलाफी का आरोप लगाया और अखिल शर्मा ने उन पर आरोप जड़ा कि श्री शुक्ला उनकी गाडिय़ों को केंसिल कराने में जुटे हुए हैं। इस संवाददाता से चर्चा में श्री शुक्ला ने इस बात से इंकार किया कि उनका बैठक में किसी से विवाद हुआ, लेकिन यह अवश्य कहा कि श्री अंसारी और अखिल अपनी गाडिय़ा पर्यवेक्षकों को गिना रहे थे तो श्री अग्रवाल ने यह अवश्य कहा था कि गाडिय़ां कम हैं तब प्रत्युत्तर में अखिल ने कहा कि वरिष्ठ नेताओं हरिवल्लभ शुक्ला, जगदीश वर्मा और बैजंती वर्मा की भी जिम्मेदारी बनती है।

हरिवल्लभ विरोध की पृष्ठभूमि जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष रामकुमार शर्मा के यहां समीक्षा बैठक से पूर्व आयोजित बैठक में बनी। ब्लॉक अध्यक्ष जमील अंसारी का कहना है कि इस बैठक में पोहरी के कांग्रेसियों जिनमें हरिवल्लभ शुक्ला, रामकुमार, बैजंती वर्मा, सुरेश राठखेड़ा, विनोद धाकड़, एनपी शर्मा और स्वयं जमील अंसारी आदि सहित 10 वरिष्ठ कांग्रेसियों ने घोषणा की थी कि रैली में वे प्रत्येक 50-50 गाड़ी ले जाएंगे, लेकिन हरिवल्लभ इस वायदे से मुकर गए। इसी कारण समीक्षा बैठक में उनसे झड़प हुई।

बताया जाता है कि रमेश अग्रवाल और प्रताप भानु शर्मा ने जमील अंसारी से पूछा कि पोहरी से रैली में कितनी गाड़ी जाएंगी तो श्री अंसारी, ब्रजकिशोर और अखिल शर्मा ने कहा कि वह सब मिलकर 155 गाडिय़ां ले जाएंगे, लेकिन इनमें हरिवल्लभ की गाडिय़ां शामिल नहीं हैं। इसके बाद हरिवल्लभ विरोधियों ने बैठक में ही उन पर आरोप जडऩे शुरू कर दिए और यहां तक  तैसबाजी हुई कि वे हरिवल्लभ से अधिक गाड़ी ले जाएंगे। बताया जाता है कि श्री शुक्ला से जब पूछा गया कि वे कितनी गाड़ी ले जाएंगे तो उन्होंने कहा कि 100 कारें और 4 बसों में भरकर  कार्यकर्ता उनकेे साथ रैली में जाएंगे। बहस जब काफी बढ़ गई तो वरिष्ठ नेताओं को हस्तक्षेप कर दोनों पक्षों को समझाना पड़ा।