दिग्गी नहीं तो क्या हुआ लक्ष्मण तो है सिंधिया पर अटैक करने!

त्वरित टिप्पणी/ललित मुदगल/ शिवपुरी। अपने बड़बोलेपन के रूप में जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की इस बार प्रदेश के चुनावों में दाल गलती नजर नहीं आ रही, यही वजह है कि अब उनके नाम को भुनाने और आगे लाने के लिए कांग्रेस को संगठन को सोचना होगा, इसका हालिया जबाब दे गए  मप्र चुनाव अभियान समिति में घोषण पत्र समिति के सदस्य लक्ष्मण सिंह, जिन्होंने स्थानीय कांग्रेस कार्यालय पर कांग्रेसियों के समक्ष ही दिग्गी को भुनाने के लिए सिंधिया पर अटैक बोल दिया, और कह गए कि प्रदेश में सिंधिया नहीं है कि मुख्यमंत्री के लिए प्रोजेक्ट, तत्समय तो किसी कांग्रेसी ने इस बात का विरोध दर्ज नहीं कराया लेकिन अब कांग्रेसियों के मन में कुलाचें आ रहीं है कि यह लक्ष्मण सिंह क्या कह गए.., इससे साफ हो गया है कि लक्ष्मण सिंह अपने बड़े भ्राता दिग्विजय सिंह को प्रदेश में लाने के इच्छुक है और यही जबाब उनका प्रदेश में हलचल मचाने वाला है।

एक ओर जहां कांग्रेस आला कमान ने केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को उनकी स्वच्छ और बेदाग छवि को भुनाने के लिए विधानसभा चुनाव में उन्हें प्रचार अभियान समिति का अध्यक्ष बनाकर संकेत देने का प्रयास किया है कि उनके नेतृत्व में प्रदेश विधानसभा का चुनाव लड़ा जाएगा और कांग्रेस के सत्ता में आने पर उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के अनुज और भाजपा से कांग्रेस में आए लक्ष्मण सिंह ने सिंधिया के क्षेत्र में ही जिला कांग्रेस कार्यालय में आयोजित पत्रकारवार्ता में स्पष्ट रूप से कहा है कि कांग्रेस ने किसी को मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट नहीं किया।
मजे की बात तो यह रही किसी भी सिंधिया समर्थक नेता ने लक्ष्मण सिंह की बात का प्रतिवाद करने की हिम्मत नहीं जुटाई। जबकि जिला कांग्रेस पर सिंधिया समर्थकों का कब्जा है। हद तो तब हुई जब सिंधिया के विरोध मेें उनके विरोधियों ने लक्ष्मण सिंह के समक्ष आवाज उठाई और वह मजे से उन बातों को सुनते रहे। सूत्र बताते हैं कि एबी रोड की खराब हालत के लिए अप्रत्यक्ष रूप से लक्ष्मण सिंह ने श्री सिंधिया को जिम्मेदार ठहराया और कांग्रेसियों से कहा कि सड़क ठीक करवाने के लिए वह श्री सिंधिया पर दवाब डालें। राजनैतिक हलकों में चर्चा है कि भले ही चुनाव घोषणा पत्र समिति के सदस्य के नाते लक्ष्मण सिंह कार्यकर्ताओं की बात सुनने के लिए सिंधिया के संसदीय क्षेत्र में आए, लेकिन उनका छुपा हुआ मकसद साफ नजर आ रहा था। एक कांग्रेसी कार्यकर्ता के अनुसार सिंधिया के क्षेत्र में फिज़ा खराब करने के लिए लक्ष्मण सिंह आए थे।
लक्ष्मण सिंह एक माह में दूसरी बार शिवपुरी आए हैं। पहली बार जब वह शिवपुरी आए थे तब सिंधिया समर्थकों ने उनका एक तरह से बहिष्कार किया था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ और लक्ष्मण सिंह ने कार्यकर्ता बैठक से लेकर पत्रकारवार्ता तक को जिला कांग्रेस कार्यालय में संबोधित किया। इस अवसर पर सिंधिया खेमे से जुड़े अधिकांश बड़े नेता उपस्थित थे। जबकि सिंधिया समर्थक कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में लक्ष्मण सिंह के कार्यक्रमों का बहिष्कार किया। सूत्र बताते हैं कि सिंधिया खेमे से जुड़े जिन नेताओं को टिकट की संभावना है उन्होंने टकराव की राजनीति की अपेक्षा दिग्गी समर्थकों को जोड़े रखने में दिलचस्पी दिखाई है। श्री सिंह के दौरे में जिला कांग्रेस अध्यक्ष रामसिंह यादव, पूर्व विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी, हरिवल्लभ शुक्ला, राकेश जैन आमोल, भरत रावत, रामकुमार शर्मा, जगमोहन सिंह सेंगर आदि उनके साथ रहे।
पत्रकारवार्ता में लक्ष्मण सिंह ने खण्डन किया कि सिंधिया को मुख्यमंत्री के रूप में कांग्रेस ने प्रोजेक्ट किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कौन होगा? इसका फैसला कांग्रेस विधायक दल करेगा। जब उनसे पूछा गया कि यदि पार्टी आला कमान ने सिंधिया को मुख्यमंत्री बनाने में दिलचस्पी दिखाई तो? इस पर लक्ष्मण सिंह का जवाब था कि मुख्यमंत्री का फैसला विधायक दल करेगा। हालांकि वह यह भूल गए कि कांग्रेस में आला कमान सर्वशाक्तिशाली है। उन्हें सन् 80 का वह उदाहरण याद नहीं रहा जब विधायक दल ने शिवभानु सिंह सोलंकी को अपना नेता चुना था, लेकिन कांग्रेस आला कमान ने अर्जुन सिंह को मुख्यमंत्री बनाया। अपने अग्रज दिग्विजय सिंह की पैरवी करते हुए लक्ष्मण सिंह ने यहां तक कहा कि उनके बिना कांग्रेस प्रदेश में कैसे जीतेगी? कार्यकर्ता सम्मेलन में भी कुछ दिग्गी समर्थकों ने सिंधिया के खिलाफ विष वमन किया। कांग्रेस कार्यकर्ता महेन्द्र शर्मा ने यहां तक कहा कि दिल्ली में कार्यकर्ता जब जाते हैं तब पानी के गिलास को फ्रिज से बांध दिया जाता है ताकि कार्यकर्ता उसे चुरा न लाएं। दिग्गी समर्थकों ने एबी रोड की खराब हालत का मुद्दा भी उठाया। इस पर बताया जाता है कि लक्ष्मण सिंह ने कहा कि श्री सिंधिया केन्द्र में मंत्री हैं और सड़क की रिपेयरिंग वह ही करा सकते हैं।
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सिंधिया को उनके क्षेत्र में कमजोर करने की मुहिम!
सिंधिया खेमे से जुड़े एक वरिष्ठ नेता ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सिंधिया को उनके क्षेत्र में कमजोर करने की मुहिम पार्टी के भीतर से जोरशोर से चल रही है ताकि उनके संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस अधिक सीटें नहीं जीत पाए। ऐसी स्थिति में यदि प्रदेश में कांग्रेस बहुमत में आती है तो भी श्रेय श्री सिंधिया को नहीं मिलेगा और यही तर्क दिया जाएगा कि जब वह अपने संसदीय क्षेत्र में ही कांगे्रस को नहीं जिता पाए तो प्रदेश में कांग्रेस की जीत का श्रेय उन्हें कैसे दिया जा सकता है। चंूकि सिंधिया को मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट करने से सिंधिया के इलाके में कांग्रेस के पक्ष में वातावरण मजबूत हुआ है। इसे समाप्त करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है।